हिमाचल के भानु अत्री को ब्रिटिश रॉयल नेवी ने पहला हिंदू पुजारी नियुक्त किया। सीएम सुक्खू ने बधाई दी। भानु ने 2009 में लंदन जाकर पुरोहित कार्य शुरू किया था और अब भारत का मान बढ़ाया है।
British Royal Navy Hindu Priest: ब्रिटेन की रॉयल नेवी ने पहली बार किसी हिंदू पुजारी की नियुक्ति की है। यह सम्मान हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के रहने वाले भानु अत्री को मिला है। भानु अत्री हिंदू धर्म के सिद्धांतों के आधार पर नेवी अधिकारियों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन देंगे। उनकी इस उपलब्धि पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उन्हें बधाई दी है और कहा है कि यह पल पूरे राज्य और देश के लिए गौरव का है।
नई जिम्मेदारी और प्रशिक्षण
भानु अत्री ने अपनी जिम्मेदारी संभालने से पहले छह हफ्तों का अधिकारी प्रशिक्षण लिया। इसमें उन्होंने चार सप्ताह तक युद्धपोत एचएमएस आयरन ड्यूक पर समुद्र में जीवित रहने का अभ्यास किया और तीन सप्ताह तक सैन्य पुजारी के रूप में भूमिका निभाने का प्रशिक्षण लिया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि रॉयल नेवी में पहला हिंदू पुजारी बनना उनके लिए गर्व और सम्मान की बात है।
सीएम सुक्खू की शुभकामनाएं
भानु अत्री की इस उपलब्धि पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर उन्हें बधाई दी। उन्होंने लिखा कि गढ़खल निवासी भानु अत्री जी को रॉयल नेवी में हिंदू चैप्लेन के रूप में चुने जाने पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उपलब्धि हिमाचल के साथ-साथ पूरे देश के लिए प्रेरणादायक है।
शिक्षा और प्रारंभिक जीवन
भानु अत्री का जन्म सितंबर 1986 में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल नालवा से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने संस्कृत कॉलेज, सोलन से शास्त्री की पढ़ाई की और दिल्ली से ज्योतिषाचार्य की डिग्री ली। वर्ष 2009 में वे लंदन चले गए और वहां पुरोहित के रूप में सेवा देने लगे। धीरे-धीरे उन्होंने हिंदू समाज में अपनी पहचान बनाई और अब ब्रिटेन की रॉयल नेवी के पहले हिंदू पुजारी बन गए।
परिवार का योगदान
भानु अत्री के पिता राम गोपाल अत्री शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त शास्त्री अध्यापक हैं और उनकी माता लीना अत्री गृहिणी हैं। भानु अत्री वर्तमान में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ लंदन में रहते हैं। उनका यह मुकाम उनके परिवार और राज्य के लिए गर्व का विषय है।