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हॉस्टल डाइनिंग हॉल में सीटिंग विवाद पर IIT खड़गपुर का बड़ा फैसला, निदेशक ने किया आदेश रद्द

हॉस्टल डाइनिंग हॉल में सीटिंग विवाद पर IIT खड़गपुर का बड़ा फैसला, निदेशक ने किया आदेश रद्द

IIT खड़गपुर ने हॉस्टल डाइनिंग हॉल में वेज और नॉनवेज छात्रों को अलग बैठाने का फैसला वापस ले लिया है। निदेशक सुमन चक्रवर्ती ने इसे भेदभावपूर्ण करार देते हुए सभी हॉस्टलों से यह व्यवस्था तुरंत हटाने का आदेश दिया।

IIT Kharagpur: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) खड़गपुर ने हॉस्टल डाइनिंग हॉल में वेजिटेरियन और नॉन-वेजिटेरियन खाने वाले छात्रों के लिए अलग-अलग सीटिंग का फैसला वापस ले लिया है। संस्थान के निदेशक सुमन चक्रवर्ती ने इसे भेदभावपूर्ण बताते हुए तुरंत रद्द करने का आदेश दिया। अब डाइनिंग हॉल में सभी छात्र अपनी खाने की पसंद के बावजूद एक साथ बैठ सकेंगे।

क्या था विवादित फैसला

यह मामला तब सामने आया जब बी.आर. अंबेडकर हॉल ऑफ रेजिडेंस में 16 अगस्त को एक नोटिस जारी किया गया। इस नोटिस के अनुसार छात्रों को वेजिटेरियन और नॉन-वेजिटेरियन खाने के आधार पर अलग-अलग जगह पर बैठने का निर्देश दिया गया था। नोटिस में कहा गया था कि कुछ वेजिटेरियन छात्रों ने शिकायत की थी कि नॉन-वेजिटेरियन खाने वाले छात्रों के साथ बैठने में उन्हें असुविधा हो रही है।

कुछ छात्रों ने चिकन, मछली और मटन जैसी खाने की गंध को लेकर आपत्ति जताई थी। इसके चलते छात्रों में नाराजगी फैल गई और कई छात्रों ने इस फैसले की आलोचना की। सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा तेजी से वायरल हुआ और पूर्व छात्रों ने भी इस कदम की निंदा की।

निदेशक सुमन चक्रवर्ती ने तुरंत किया फैसला

जैसे ही IIT निदेशक सुमन चक्रवर्ती को इस नोटिस की जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत उच्च अधिकारियों से बात की और अलग सीटिंग का आदेश रद्द कर दिया। निदेशक ने कहा कि डाइनिंग हॉल में किसी भी छात्र को उनके खाने की पसंद के आधार पर अलग नहीं करना चाहिए।

सुमन चक्रवर्ती ने कहा, "एक शैक्षणिक संस्थान में व्यक्तिगत खान-पान की पसंद के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए। डाइनिंग हॉल में छात्रों को उनके खाने की पसंद के आधार पर अलग करने वाली कोई साइनेज या बोर्ड नहीं होना चाहिए। हमने आदेश दिया है कि ऐसी साइनेज को तुरंत हटाया जाए।"

हॉस्टल में छात्रों की प्रतिक्रिया

IIT खड़गपुर के हॉस्टल में यह विवाद तब और बढ़ गया जब छात्रों ने यह महसूस किया कि अलग सीटिंग व्यवस्था भेदभाव को बढ़ावा दे सकती है। कई छात्रों ने इस कदम का विरोध किया और इसे संस्थान के आदर्शों के खिलाफ बताया। छात्रों का कहना था कि खाने की गंध या पसंद के आधार पर अलग बैठाना सही नहीं है और यह संस्थान की संस्कृति के अनुरूप नहीं है।

पूर्व छात्रों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने भी छात्रों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा संस्थानों में भेदभाव नहीं होना चाहिए और सभी छात्रों के साथ समान व्यवहार होना चाहिए।

नया आदेश और नियम

8 सितंबर को IIT खड़गपुर ने सभी हॉस्टल वार्डनों के लिए नया आदेश जारी किया। इस आदेश में स्पष्ट कहा गया कि:

  • खाने की तैयारी और वितरण के स्तर पर अलग व्यवस्था हो सकती है। उदाहरण के लिए, वेजिटेरियन, नॉन-वेजिटेरियन और जैन खाने को अलग प्लेटों और काउंटर से दिया जा सकता है।
  • डाइनिंग हॉल में सीटिंग के लिए किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए। सभी छात्र अपनी पसंद के अनुसार एक साथ बैठ सकते हैं।
  • यह नियम केवल अंबेडकर हॉल पर ही नहीं बल्कि सभी हॉस्टलों पर लागू होगा।
  • निदेशक चक्रवर्ती ने जोर देकर कहा कि कहीं भी इस तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए और इसे बरकरार नहीं रखा जा सकता।

IIT खड़गपुर एक शैक्षणिक संस्थान है और इसका उद्देश्य सभी छात्रों को समान अवसर देना है। छात्रों को उनके खाने की पसंद के आधार पर अलग करना संस्थान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। इस कदम के माध्यम से संस्थान यह संदेश देना चाहता है कि समानता, समावेशिता और सह-अस्तित्व संस्थान की प्राथमिकता है।

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