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कंपनी फिक्स्ड डिपॉजिट: निवेश के लिए क्यों हो सकता है बेहतर विकल्प?

कंपनी फिक्स्ड डिपॉजिट: निवेश के लिए क्यों हो सकता है बेहतर विकल्प?

निवेश के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) भारतीय निवेशकों के बीच हमेशा से लोकप्रिय विकल्प रहा है। अधिकतर लोग बैंक एफडी को प्राथमिकता देते हैं क्योंकि यह सुरक्षित होता है और निश्चित ब्याज दर देता है।

बिजनेस: निवेश के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) भारत में सबसे पसंदीदा विकल्पों में से एक है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है निश्चित ब्याज दर और निवेश की सुरक्षा। ज्यादातर लोग बैंक एफडी (Bank Fixed Deposit) के बारे में जानते हैं और इसमें पैसा लगाना पसंद करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कंपनी फिक्स्ड डिपॉजिट (Company Fixed Deposit - CFD) भी एक लोकप्रिय विकल्प बनता जा रहा है? 

कंपनी एफडी का ब्याज दर बैंक एफडी से ज्यादा होता है, लेकिन इसमें जोखिम भी अधिक होता है। इसलिए निवेश से पहले इसके फायदे-नुकसान को समझना जरूरी है।

कंपनी फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है?

कंपनी फिक्स्ड डिपॉजिट, जिसे कॉर्पोरेट फिक्स्ड डिपॉजिट भी कहा जाता है, असल में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) द्वारा जनता से पैसा जुटाने का एक माध्यम है। ये कंपनियां आम लोगों को निश्चित अवधि के लिए निवेश करने का ऑफर देती हैं, जिसके बदले में वे तय ब्याज देती हैं। यह प्रक्रिया बिल्कुल बैंक एफडी जैसी लगती है, लेकिन कंपनी एफडी में निवेश का रिस्क ज्यादा होता है क्योंकि यह बैंकिंग संस्थान नहीं होते। इन कंपनियों के पास बैंकिंग सेक्टर के समान सुरक्षा कवच नहीं होता।

कंपनी FD में ज्यादा ब्याज क्यों मिलता है?

कंपनी एफडी में आमतौर पर बैंक की तुलना में ज्यादा ब्याज मिलता है क्योंकि इसमें निवेश का जोखिम ज्यादा होता है। बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट में पैसा जमा करने पर भारतीय सरकार की तरफ से सुरक्षा मिलती है, जबकि कंपनी एफडी में ऐसी कोई सुरक्षा नहीं होती। कंपनियों को पूंजी जुटाने के लिए अपने निवेशकों को आकर्षित करना पड़ता है, इसलिए वे अधिक ब्याज दरें ऑफर करती हैं। यह उच्च रिटर्न का एक तरीका होता है ताकि निवेशक कंपनी पर भरोसा करें और निवेश करें।

कंपनी FD में निवेश करने का जोखिम

  1. कोई गारंटी नहीं: बैंक FD में अगर बैंक दिवालिया हो जाता है तो DICGC 5 लाख रुपये तक की राशि की सुरक्षा करता है। लेकिन कंपनी FD में ऐसी कोई गारंटी नहीं होती।
  2. कंपनी का क्रेडिट रिस्क: कंपनी की आर्थिक स्थिति कमजोर हुई तो निवेशकों को पूंजी और ब्याज दोनों के नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
  3. लीक्विडिटी का अभाव: कंपनी FD में अक्सर समय से पहले पैसा निकालना मुश्किल होता है या फिर जुर्माना लग सकता है।
  4. पुनर्भुगतान की अनिश्चितता: कुछ कंपनियों के लिए यह जोखिम होता है कि वे निर्धारित अवधि पर आपको पैसा वापस न कर पाएं।

कंपनी FD में निवेश कैसे करें?

कंपनी एफडी में निवेश करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • कंपनी की क्रेडिट रेटिंग देखें: यह सबसे अहम है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां कंपनियों के वित्तीय स्वास्थ्य और पुनर्भुगतान क्षमता का मूल्यांकन करती हैं। उच्च रेटिंग वाली कंपनियों में निवेश करना सुरक्षित होता है।
  • कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड जांचें: कंपनी कितनी विश्वसनीय है, उसने पहले भी समय पर डिपॉजिट वापस किए हैं या नहीं, इसकी जांच जरूरी है।
  • निवेश की अवधि और ब्याज दर समझें: अपनी जरूरत के मुताबिक सही अवधि और ब्याज दर चुनें। हमेशा ध्यान रखें कि उच्च ब्याज का मतलब उच्च जोखिम भी होता है।
  • डाक्यूमेंटेशन ठीक से करें: निवेश करते समय कंपनी के सभी दस्तावेज़, टर्म्स और कंडीशन्स को ध्यान से पढ़ें।

कंपनी FD के फायदे

  • उच्च ब्याज दरें: बैंक FD से ज्यादा रिटर्न पाने का मौका मिलता है।
  • निश्चित रिटर्न: एक बार निवेश करने के बाद तय अवधि के लिए ब्याज निश्चित रहता है।
  • विविध विकल्प: अलग-अलग कंपनियां विभिन्न अवधि और ब्याज दर के विकल्प देती हैं।

कंपनी FD के नुकसान

  • उच्च जोखिम: कोई सरकारी सुरक्षा नहीं होने की वजह से निवेश की पूरी राशि डूब सकती है।
  • कम लिक्विडिटी: समय से पहले निकासी पर पेनाल्टी या कोई सुविधा न होना।
  • क्रेडिट रिस्क: कंपनी के खराब वित्तीय हालात से निवेशक को नुकसान हो सकता।

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