सपा विधायक अबू आजमी ने पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों की गिरफ्तारी की टाइमिंग पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ये एनकाउंटर अचानक ऑपरेशन सिंदूर बहस के दौरान हुआ—क्या यह संयोग है? जनता को सच्चाई जाननी चाहिए।
Maharashtra: 28 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में सुरक्षा बलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया। यह ऑपरेशन 'महादेव' के तहत अंजाम दिया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 29 जुलाई को लोकसभा में इस कार्रवाई की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मारे गए आतंकियों में सुलेमान उर्फ फैजल जट, जिबरान और अबू हमजा शामिल थे, जो अप्रैल में हुए पहलगाम हमले के जिम्मेदार थे।
सपा ने उठाए सवाल
हालांकि, इस कार्रवाई की टाइमिंग पर सियासत गरमा गई है। समाजवादी पार्टी (SP) के नेता और सांसद अखिलेश यादव ने संसद में सवाल किया कि आखिर एनकाउंटर ठीक उस दिन क्यों हुआ जब संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बहस चल रही थी। क्या यह सिर्फ एक संयोग है या कुछ और?
अबू आजमी का बयान: "क्या कमाल है टाइमिंग का"
सपा विधायक अबू आजमी ने इस मुद्दे पर बयान देते हुए कहा कि पहलगाम हमले के बाद इतने दिनों तक आतंकी नहीं मिले और अचानक ऑपरेशन 'महादेव' शुरू हो गया। उन्होंने कहा, "जब संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर बहस हो रही है, ठीक उसी वक्त एनकाउंटर की खबर आ जाती है। क्या यह सिर्फ संयोग है या सोच-समझकर तय की गई रणनीति?"
सरकार और सुरक्षाबलों की कार्यवाही पर विश्वास या शंका?
अबू आजमी ने आगे कहा कि जो सरकार कहती है, वही सुरक्षाबल भी दोहराते हैं। "तीनों आतंकी एक साथ मिल गए और मारे गए। इतने दिनों से ये आतंकवादी कहां छुपे थे, क्यों नहीं पकड़े गए? क्या पाकिस्तान पर कोई कार्रवाई नहीं हुई? जनता अब सवाल पूछ रही है और सच्चाई जानना चाहती है।"
सुरक्षाबलों की कार्रवाई पर सराहना भी
हालांकि, अबू आजमी ने सुरक्षाबलों की बहादुरी की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि आतंकियों के मारे जाने से देश को राहत मिली है और यह सराहनीय है कि जवानों ने अपनी जान जोखिम में डालकर ये कार्रवाई की।
भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच पर विरोध
अबू आजमी ने भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैचों का भी विरोध किया। उन्होंने कहा, "भारत और पाकिस्तान के बीच कोई भी मैच नहीं होना चाहिए। जब दोनों देशों के बीच तनाव है और पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है, तब किसी भी तरह का खेल संबंध असंवेदनशील है।"
पहलगाम हमला
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला किया था। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद सरकार ने व्यापक स्तर पर जवाबी कार्रवाई की घोषणा की थी, जिसे 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम दिया गया। संसद में इसी ऑपरेशन को लेकर चर्चा हो रही थी, जब 'ऑपरेशन महादेव' की जानकारी सामने आई।