पटना में महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में केवल तेजस्वी यादव की तस्वीर दिखाई गई। BJP ने इसे कांग्रेस अपमान और सीट बंटवारे में असंतोष के संकेत के रूप में पेश किया। अशोक गहलोत ने मध्यस्थता की।
Patna: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में केवल राजद नेता तेजस्वी यादव की तस्वीर दिखने पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। पटना में आयोजित इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में महागठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित किए जाने की संभावना है। पोस्टर में केवल तेजस्वी की फोटो होने से भाजपा ने इसे कांग्रेस के अपमान के रूप में पेश किया है।
बीजेपी का आरोप
BJP प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इस मुद्दे पर X प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करते हुए कहा कि महागठबंधन की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिर्फ तेजस्वी की तस्वीर दिखाई गई, जिससे कांग्रेस और राहुल गांधी का 'सम्मान चोरी' हुआ। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या तेजस्वी ने कांग्रेस को उसकी जगह दिखा दी है। पूनावाला ने राहुल गांधी के 'वोट चोरी' अभियान का भी जिक्र करते हुए तंज कसा।
सीट-बंटवारे को लेकर महागठबंधन में खींचतान
महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर लंबे समय तक मतभेद रहे हैं। कांग्रेस और राजद के बीच कई दौर की बातचीत के बावजूद असहमति बनी रही। अशोक गहलोत की मध्यस्थता के बाद इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया है ताकि गठबंधन के सभी दल एक मंच पर आकर एकजुटता का संदेश दें।
अशोक गहलोत का मध्यस्थ भूमिका
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत पटना पहुंचे थे ताकि RJD और कांग्रेस के बीच चल रही खींचतान को सुलझाया जा सके। गहलोत की मध्यस्थता के बाद महागठबंधन के सहयोगी दल आज एक मंच पर नजर आएंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव के साथ गहलोत और अन्य वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति यह संकेत देती है कि दल अब गठबंधन की मजबूती दिखाने की कोशिश में हैं।
महागठबंधन का उद्देश्य
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य बिहार चुनाव 2025 से पहले गठबंधन की एकता और सहयोगिता दिखाना है। सीट बंटवारे और उम्मीदवारों के चयन के विवादों को शांत करने के लिए यह साझा मंच जरूरी था। महागठबंधन यह संदेश देना चाहता है कि चुनावी माहौल में सभी दल मिलकर सरकार बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
BJP की प्रतिक्रिया
BJP ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के पोस्टर को लेकर कांग्रेस पर हमला किया। शहजाद पूनावाला ने दावा किया कि RJD ने कांग्रेस को धमकाकर तेजस्वी यादव को महागठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा स्वीकार करने के लिए मजबूर किया। राजनीतिक विश्लेषक इसे महागठबंधन में भीतर चल रही दरार और असंतोष का संकेत मान रहे हैं।