महाराष्ट्र सरकार ने लाडकी बहन योजना बंद होने की अफवाहों पर विराम लगाया। डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, योजना जारी रहेगी। सरकार ने 26 लाख अयोग्य लाभार्थियों की पहचान की है, लेकिन पात्र महिलाओं को लाभ मिलता रहेगा।
Mumbai: महाराष्ट्र में लाडकी बहन योजना को लेकर पिछले कुछ दिनों से सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। विपक्ष ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार इस महत्वाकांक्षी योजना को बंद करने जा रही है। सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक मंचों तक यह खबर फैल गई कि लाखों महिलाओं को मिलने वाला यह लाभ अब खत्म हो सकता है। लेकिन अब डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने इस पर खुलकर अपनी बात रखी है और सारी अटकलों पर विराम लगा दिया है।
डिप्टी सीएम शिंदे का बड़ा बयान: योजना बंद नहीं होगी
राज्य के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने साफ किया कि लाडकी बहन योजना को लेकर किसी भी तरह का भ्रम फैलाना गलत है। उन्होंने कहा कि यह योजना बंद नहीं होगी। शिंदे ने भरोसा दिलाया कि महाराष्ट्र सरकार अपने सभी चुनावी वादों को पूरा करेगी। किसानों की कर्जमाफी से लेकर महिलाओं के कल्याण तक, हर वादा चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि बिना तथ्यों की जांच किए अफवाहें फैलाई जा रही हैं। सरकार ने हमेशा महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी है। लाडकी बहन योजना भी इन्हीं वादों का हिस्सा है और इसे बंद करने का कोई सवाल ही नहीं उठता।
योजना क्यों आई चर्चा में
लाडकी बहन योजना, महाराष्ट्र की उन महत्वाकांक्षी योजनाओं में से है जिसने 2024 के विधानसभा चुनावों में महायुति सरकार को सत्ता तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। इस योजना के तहत राज्य की करोड़ों महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जाती है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।
लेकिन हाल ही में महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने खुलासा किया कि योजना में 26 लाख से ज्यादा ऐसे लाभार्थी हैं जो अयोग्य पाए गए हैं। इसी बयान के बाद विपक्ष ने यह आरोप लगाया कि सरकार इस योजना को खत्म करने की तैयारी कर रही है।
26 लाख अयोग्य लाभार्थियों की पहचान
मंत्री अदिति तटकरे ने कहा कि योजना के लाभार्थियों का सत्यापन किया जा रहा है। अब तक करीब 26 लाख महिलाओं की पहचान की गई है जो पात्रता मानकों पर खरी नहीं उतरीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि अयोग्य लाभार्थियों की यह लिस्ट जिला प्रशासन को सौंप दी गई है और आगे की जांच के बाद ही कार्रवाई होगी।
साथ ही उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि जो महिलाएं वास्तव में इस योजना की हकदार हैं, उन्हें किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी। सभी पात्र लाभार्थियों को योजना का लाभ लगातार मिलता रहेगा।
सरकार का रुख: वादे पूरे करने की प्रतिबद्धता
एकनाथ शिंदे ने कहा कि सरकार अपने वादों से पीछे नहीं हटेगी। चाहे किसानों की कर्जमाफी हो या महिलाओं के कल्याण की योजनाएं, हर वादा पूरा होगा। उन्होंने यह भी बताया कि महायुति सरकार ने सत्ता में आने से पहले महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण को लेकर जो भी वादे किए थे, उन्हें समयबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
विपक्ष के आरोपों पर जवाब देते हुए शिंदे ने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए जनता को गुमराह करना ठीक नहीं है। सरकार की नीतियां महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने पर केंद्रित हैं और लाडकी बहन योजना को और मजबूत किया जाएगा।
लाडकी बहन योजना की अहमियत
महाराष्ट्र में लाडकी बहन योजना ने लाखों महिलाओं की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद की है। इस योजना के तहत राज्य सरकार महिलाओं को प्रतिमाह आर्थिक सहायता देती है ताकि वे अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें और आत्मनिर्भर बन सकें।
यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, जहां रोजगार के अवसर कम हैं और आर्थिक चुनौतियां ज्यादा। यही वजह है कि जब इस योजना को बंद करने की अफवाह फैली तो महिलाओं में चिंता बढ़ गई।