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महाराष्ट्र विधानसभा मॉनसून सत्र में पेश होंगे 12 अहम विधेयक, सरकार ने पूरी की तैयारियां

महाराष्ट्र विधानसभा मॉनसून सत्र में पेश होंगे 12 अहम विधेयक, सरकार ने पूरी की तैयारियां

महाराष्ट्र विधानसभा का तीन हफ्तों का मॉनसून सत्र सोमवार से मुंबई में शुरू हो गया है। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से 12 अहम विधेयकों को सदन में पेश किया जाएगा। हालांकि सत्र से ठीक पहले राज्य सरकार को त्रिभाषा नीति को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, जिसके चलते हिंदी को अनिवार्य बनाने वाले दो सरकारी आदेशों (जीआर) को वापस लेना पड़ा।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि पहली से पांचवीं कक्षा तक हिंदी को अनिवार्य बनाए जाने को लेकर उठे विवाद के बाद सरकार ने एक उच्चस्तरीय समिति गठित की है, जिसकी अध्यक्षता शिक्षाविद् डॉ. नरेंद्र जाधव करेंगे। यह समिति त्रिभाषा फार्मूले की समीक्षा करेगी और छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए सुझाव देगी।

त्रिभाषा नीति पर बनेगी रिपोर्ट

मुख्यमंत्री फडणवीस ने स्पष्ट किया कि जब तक समिति की रिपोर्ट नहीं आती, तब तक हिंदी भाषा को लेकर जारी किए गए दोनों सरकारी आदेश रद्द रहेंगे। उन्होंने कहा कि त्रिभाषा फार्मूले को लेकर विशेषज्ञों से परामर्श लिया जाएगा और छात्रों पर किसी तरह का दबाव नहीं डाला जाएगा। डॉ. नरेंद्र जाधव की अध्यक्षता में गठित समिति न केवल भाषा नीति की समीक्षा करेगी, बल्कि अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट जैसे आगामी शैक्षणिक सुधारों पर भी विचार करेगी।

सत्र में 12 विधेयक और 6 अध्यादेश होंगे पेश

मॉन्सून सत्र की शुरुआत से पहले सह्याद्री गेस्ट हाउस में मुख्यमंत्री फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित किया। फडणवीस ने कहा कि सरकार पूरी गंभीरता से जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा को तैयार है। सत्र के दौरान 12 विधेयकों और 6 अध्यादेशों को सदन में लाया जाएगा। इसके अलावा एक लंबित विधेयक और एक संयुक्त समिति द्वारा तैयार प्रस्ताव पर भी चर्चा प्रस्तावित है।

विकास और किसानों पर भी रहेगी नजर

मुख्यमंत्री ने बताया कि दावोस में राज्य सरकार ने अब तक करीब 20 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें से 70 से 80 फीसदी पर कार्रवाई भी शुरू हो चुकी है। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में मराठी भाषा पहले से ही अनिवार्य है और हिंदी को लेकर कोई नई बाध्यता नहीं है।

फडणवीस ने कहा कि राज्य में जून महीने में बारिश की स्थिति बेहतर रही है और बुवाई सुचारु रूप से चल रही है। किसानों के लिए बीज और खाद की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है, वहीं कुछ जिलों में आई शिकायतों का समाधान किया जा रहा है।

महिला सशक्तिकरण और पारदर्शिता पर जोर

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने ‘लाडकी बहिन’ योजना के तहत महिलाओं को अगली किस्त के रूप में 3600 करोड़ रुपये मंजूर किए जाने की जानकारी दी। यह राशि मंगलवार से लाभार्थियों के खातों में भेजी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सत्र के दौरान सभी विधेयकों पर व्यापक चर्चा की जाएगी और कोई भी प्रस्ताव बिना विचार-विमर्श के पारित नहीं किया जाएगा।

अजित पवार ने यह भी स्पष्ट किया कि विधायकों को उनके निर्वाचन क्षेत्रों से जुड़े मुद्दे उठाने के लिए पूरा समय मिलेगा। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि सदन की कार्यवाही का एक भी मिनट व्यर्थ न हो।

अतिवृष्टि से हुए नुकसान का सर्वे जारी

बारिश के कारण राज्य के कुछ हिस्सों में नुकसान की भी खबरें हैं। उपमुख्यमंत्री पवार ने बताया कि जिलाधिकारियों को नुकसान के पंचनामा करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार हर स्थिति में किसानों यानी बलिराजा के साथ खड़ी रहेगी।

महाराष्ट्र विधानसभा का यह मॉनसून सत्र कई मायनों में अहम रहने वाला है। एक ओर जहां सरकार निवेश, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर सकारात्मक रुख दिखा रही है, वहीं त्रिभाषा नीति को लेकर हुए विरोध ने उसे नीतिगत फैसलों पर और अधिक सतर्क कर दिया है। अब देखना होगा कि इस सत्र में पारित होने वाले विधेयक राज्य की दिशा और दशा को किस तरह प्रभावित करते हैं।

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