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नई आबकारी नीति पर दिल्ली सरकार की तैयारी तेज, पारदर्शिता और अवैध बिक्री पर सख्ती प्राथमिकता

नई आबकारी नीति पर दिल्ली सरकार की तैयारी तेज, पारदर्शिता और अवैध बिक्री पर सख्ती प्राथमिकता

दिल्ली सरकार जल्द ही एक नई आबकारी नीति (Excise Policy) लागू करने जा रही है, जिसका मकसद राजधानी के नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली शराब उपलब्ध कराना है। 

Excise Policy: दिल्ली सरकार एक बार फिर से राजधानी की आबकारी नीति को लेकर बड़े बदलाव की तैयारी में है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार ने राजधानी में एक नई और पारदर्शी आबकारी नीति को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सरकार का लक्ष्य है कि दिल्ली में शराब की बिक्री और वितरण प्रणाली को अधिक संगठित, पारदर्शी, उपभोक्ताओं के अनुकूल और सामाजिक रूप से ज़िम्मेदार बनाया जाए।

नई नीति को तैयार करने के लिए मुख्य सचिव धर्मेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है, जो 30 जून 2025 तक नीति का अंतिम प्रारूप सरकार को सौंपेगी। यह नीति न केवल आर्थिक राजस्व को बढ़ाने पर केंद्रित होगी, बल्कि सामाजिक संतुलन, उपभोक्ता हित और अवैध शराब पर सख्ती जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी खास ध्यान देगी।

नई नीति के मुख्य उद्देश्य: पारदर्शिता और उपभोक्ता हित

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के अनुसार, नई आबकारी नीति का मूल उद्देश्य शराब की गुणवत्ता को सुनिश्चित करना, डिजिटलीकरण के ज़रिए बिक्री प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना और लाइसेंस प्रणाली में सुधार करना है। इसके साथ ही अवैध शराब की बिक्री पर पूर्णतः अंकुश लगाना और सार्वजनिक स्थानों पर शराब सेवन की निगरानी को भी प्राथमिकता में रखा गया है।

रेखा गुप्ता ने कहा, हम एक ऐसी नीति चाहते हैं जो दिल्ली के नागरिकों को गुणवत्ता युक्त शराब तक पहुंच तो दे, लेकिन सामाजिक मूल्यों के साथ किसी भी प्रकार का टकराव न हो।

सर्वश्रेष्ठ मॉडल्स का अध्ययन

दिल्ली सरकार की यह समिति देश के विभिन्न राज्यों की सफल आबकारी नीतियों का अध्ययन भी कर रही है। जिन राज्यों में राजस्व वृद्धि, अवैध शराब पर नियंत्रण, और उपभोक्ता संतुलन जैसे क्षेत्रों में अच्छे परिणाम सामने आए हैं, वहां की नीतियों के सकारात्मक मॉडल दिल्ली में लागू किए जाएंगे। समिति राज्यों की नीति का तुलनात्मक विश्लेषण करके यह सुनिश्चित करेगी कि दिल्ली की नई नीति न केवल राजस्व बढ़ाए, बल्कि न्यायसंगत और टिकाऊ संरचना भी प्रदान करे।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व सरकार की आबकारी नीति पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने इसे भ्रष्टाचारपूर्ण, एकतरफा और जनविरोधी करार देते हुए कहा कि कुछ निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए नियमों को ताक पर रखकर नीति तैयार की गई थी।

उन्होंने कहा, पिछली सरकार की आबकारी नीति ने न तो पारदर्शिता का पालन किया, न ही सामाजिक सुरक्षा का। यही कारण रहा कि उस नीति को वापस लेना पड़ा और इसके चलते कई पूर्व मंत्री जेल भी पहुंचे।

30 जून तक तैयार हो जाएगा ड्राफ्ट

नई आबकारी नीति पर काम कर रही समिति 30 जून 2025 तक सरकार को प्रस्ताव सौंपेगी। इसके लिए हितधारकों से व्यापक परामर्श, नीतिगत समीक्षा और प्रशासनिक सहयोग की व्यवस्था की जा रही है। आबकारी विभाग समिति को सभी आवश्यक डेटा और संसाधन प्रदान करेगा। नई आबकारी नीति को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की दिशा में भी सख्त कदम उठाए जाएंगे। लाइसेंस प्रक्रिया में ई-टेंडरिंग और डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम लागू किए जाएंगे। साथ ही, शराब दुकानों की लोकेशन, समय सीमा और सामाजिक प्रभाव को ध्यान में रखकर लाइसेंस जारी किए जाएंगे।

रेखा गुप्ता सरकार की नीति का दूसरा प्रमुख स्तंभ सामाजिक सुरक्षा और जनहित है। नीति का कोई भी पहलू ऐसा नहीं होगा जो समाज के संवेदनशील वर्गों जैसे महिलाओं, युवाओं और निम्न आय वर्ग के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर नकारात्मक असर डाले। सरकार का कहना है कि यह नीति केवल राजस्व का माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी का एक अहम दस्तावेज होगी। इसके तहत जन-जागरूकता अभियान चलाकर शराब के दुरुपयोग को रोकने की दिशा में भी काम किया जाएगा।

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