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New GST Rates: अब सोलर पैनल पर ₹10,500 तक की बचत, जानें कब मिलेगा फायदा

New GST Rates: अब सोलर पैनल पर ₹10,500 तक की बचत, जानें कब मिलेगा फायदा

22 सितंबर से जीएसटी सुधारों के तहत नवीकरणीय ऊर्जा पर टैक्स 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे 3 किलोवाट तक के रूफटॉप सोलर सिस्टम की कीमत में 9,000-10,500 रुपये तक की बचत होगी। पीएम-कुसुम योजना के तहत किसानों को भी लाभ मिलेगा और देश में स्वच्छ ऊर्जा किफायती होगी।

New GST Rates: सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा पर जीएसटी दर 12% से घटाकर 5% करने का ऐलान किया है, जो 22 सितंबर से लागू होगा। इससे 3 किलोवाट तक के रूफटॉप सोलर सिस्टम की कीमत में 9,000 से 10,500 रुपये तक की कटौती होगी। पीएम-कुसुम योजना के तहत किसानों को सीधा लाभ मिलेगा, जिससे स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं की लागत कम होगी और बिजली उत्पादन किफायती होगा।

घर और किसानों को सीधा लाभ

नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि इस कदम से लाखों परिवारों के लिए सौर ऊर्जा अपनाना आसान हो जाएगा। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (PM-KUSUM Scheme) के तहत रूफटॉप सोलर सिस्टम की लागत में भी कमी आएगी। इससे घरों, किसानों, उद्योगों और डेवलपर्स को सीधा लाभ मिलेगा।

विशेष रूप से किसानों के लिए यह बदलाव फायदेमंद साबित होगा। लगभग 2.5 लाख रुपए की लागत वाले 5 एचपी के सौर पंप अब 17,500 रुपये सस्ते मिलेंगे। 10 लाख सौर पंपों पर लागू होने पर किसानों को सामूहिक रूप से 1,750 करोड़ रुपए की बचत होगी। इससे सिंचाई अधिक किफायती और टिकाऊ बनेगी।

बड़े स्तर पर परियोजनाओं पर असर

मंत्रालय ने बताया कि उदाहरण के लिए, एक उपयोगिता-स्तरीय सौर परियोजना की पूंजीगत लागत जो सामान्यत: 3.5-4 करोड़ रुपए प्रति मेगावाट होती है, जीएसटी सुधार से 20-25 लाख रुपए प्रति मेगावाट तक की कमी आ जाएगी।

इसी प्रकार, 500 मेगावाट के सोलर पार्क की लागत में 100 करोड़ रुपए से अधिक की बचत हो सकती है। जीएसटी में कमी से नवीकरणीय ऊर्जा के स्तरीय शुल्क कम होंगे, जिससे बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) पर वित्तीय बोझ घटेगा।

इस सुधार से देशभर में बिजली खरीद लागत में सालाना 2,000-3,000 करोड़ रुपये की बचत होने की संभावना है। इससे अंतिम उपभोक्ताओं को सस्ती और स्वच्छ बिजली तक बेहतर पहुंच मिलेगी। यह कदम भारत के बिजली क्षेत्र की दीर्घकालिक स्थिरता को मजबूती देगा।

उद्योग और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा

कम जीएसटी दरें नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों की लागत को 3-4 प्रतिशत तक कम करेंगी। इससे भारत में निर्मित उपकरणों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी और मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहलों को समर्थन मिलेगा।

सरकार का लक्ष्य 2030 तक 100 गीगावाट सौर ऊर्जा मैन्युफैक्चरिंग क्षमता हासिल करना है। यह सुधार घरेलू मैन्युफैक्चरिंग केंद्रों में नए निवेश को प्रोत्साहित करेगा। मंत्रालय ने कहा कि प्रत्येक गीगावाट मैन्युफैक्चरिंग क्षमता लगभग 5,000 रोजगार सृजित करती है। इस सुधार से अगले दशक में 5-7 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगारों का सृजन हो सकता है।

स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा

नई जीएसटी दरों के बाद सौर ऊर्जा परियोजनाओं से बिजली उत्पादन अधिक किफायती हो जाएगा। इससे भारत में स्वच्छ ऊर्जा का प्रसार बढ़ेगा और घरेलू तथा ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ेगा। इस बदलाव के चलते छोटे और बड़े दोनों प्रकार के निवेशक सौर परियोजनाओं में निवेश करने के लिए आकर्षित होंगे।

सरकार का यह कदम स्वच्छ ऊर्जा के महत्व को बढ़ाने के साथ-साथ ऊर्जा क्षेत्र में निवेशकों और उपयोगकर्ताओं के लिए सकारात्मक संकेत भी देता है।

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