नोएडा में 1 अगस्त से शुरू हो रही प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना के तहत 3.5 लाख युवाओं को नौकरी मिलेगी। सरकार पहली सैलरी दो किश्तों में देगी।
Rojgar Yojana: नोएडा और ग्रेटर नोएडा में रोजगार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा 1 अगस्त 2025 से ‘प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (ELI)’ की शुरुआत की जा रही है। इस योजना का उद्देश्य सेवा (Service) और उत्पादन (Manufacturing) क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करना है।
साढ़े तीन लाख लोगों को मिलेगा रोजगार का अवसर
जिला उद्योग केंद्र (District Industries Center) और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की संयुक्त पहल के तहत आने वाले दो वर्षों में नोएडा में करीब 3.5 लाख युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना जताई जा रही है। इस योजना के तहत खासतौर पर उन कर्मचारियों को लाभ मिलेगा जो पहली बार EPFO के तहत पंजीकृत होंगे यानी जिनका पहला UAN (Universal Account Number) जनरेट होगा।
सरकार देगी पहली सैलरी की सहायता
इस योजना की सबसे खास बात यह है कि जिन कर्मचारियों का पहली बार UAN जनरेट होगा, उन्हें केंद्र सरकार पहली सैलरी की अधिकतम ₹15,000 तक की राशि दो किश्तों में देगी। यह सहायता सीधे सरकार द्वारा दी जाएगी ताकि नए कर्मचारियों को शुरूआत में आर्थिक स्थिरता मिल सके।
नियोक्ताओं को भी मिलेगा लाभ
इस योजना का लाभ सिर्फ कर्मचारियों को ही नहीं बल्कि नियोक्ताओं (Employers) को भी मिलेगा। सरकार की ओर से नियोक्ताओं को प्रोत्साहन (Incentive) दिया जाएगा ताकि वे ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार दें। इसके लिए ईपीएफ विभाग और जिला उद्योग केंद्र मिलकर जागरूकता अभियान चला रहे हैं।
सेवा और उत्पादन क्षेत्र पर रहेगा फोकस
जिला उद्योग उपायुक्त अनिल कुमार के अनुसार, इस योजना में फिलहाल केवल सेवा और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को ही शामिल किया गया है। इसके पीछे विचार यह है कि इन दोनों क्षेत्रों में सबसे अधिक रोजगार की संभावनाएं होती हैं और इनसे जुड़े उद्योगों की संख्या भी काफी अधिक है।
नोएडा में हजारों कंपनियां तैयार
नोएडा जिले में लगभग 60 हजार सेवा क्षेत्र की कंपनियां और करीब 30 हजार मैन्युफैक्चरिंग इकाइयां सक्रिय हैं। इनमें से 50 से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों को कम से कम पांच और 50 से कम कर्मचारियों वाली इकाइयों को न्यूनतम दो नए कर्मचारियों को नौकरी देनी होगी। इससे बड़ी संख्या में रोजगार पैदा होने की संभावना है।
ईपीएफ कार्यालय कर रहा जागरूकता अभियान
ईपीएफओ (EPFO) और जिला उद्योग केंद्र मिलकर योजना को लेकर अधिकतम नियोक्ताओं और कर्मचारियों को जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं। 31 जुलाई को ईकोटेक-12 क्षेत्र में एक विशेष वर्कशॉप का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें ईपीएफ अधिकारियों के साथ-साथ कंपनी संचालक भी शामिल होंगे। इस वर्कशॉप में योजना से जुड़े सभी पहलुओं को विस्तार से समझाया जाएगा।
क्या है योजना का उद्देश्य?
प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना का मुख्य उद्देश्य देश के युवाओं को सशक्त बनाना है। सरकार चाहती है कि नए कर्मचारियों को जॉब के शुरुआती महीने में वित्तीय राहत मिले, जिससे वे लंबे समय तक नौकरी में टिक सकें। साथ ही यह योजना फॉर्मल सेक्टर (Formal Sector) में रोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।