नॉर्वे में आयोजित शतरंज प्रतियोगिता में विश्व चैम्पियन मैग्नस कार्लसन ने खिताब अपने नाम किया है। भारत के युवा ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए टूर्नामेंट में तीसरा स्थान हासिल किया। महिला वर्ग में यूक्रेन की अनुभवी खिलाड़ी अन्ना मुजीचुक ने जीत दर्ज की।
स्पोर्ट्स न्यूज़: नॉर्वे शतरंज 2025 का आयोजन इस बार भी विश्व शतरंज प्रेमियों के लिए रोमांचक रहा। प्रतिष्ठित इस टूर्नामेंट में नॉर्वेजियन ग्रैंडमास्टर मैग्नस कार्लसन ने शीर्ष स्थान हासिल कर अपना दबदबा कायम रखा। वहीं भारत के युवा शतरंज प्रतिभा डी गुकेश ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए तीसरा स्थान हासिल किया, जबकि महिला वर्ग में यूक्रेन की दिग्गज ग्रैंडमास्टर अन्ना मुजीचुक ने विजेता का खिताब अपने नाम किया।
मैग्नस कार्लसन ने फिर दिखाया अपना जादू
मैग्नस कार्लसन ने इस टूर्नामेंट में अपने खेल का लोहा मनवाते हुए खिताब पर कब्जा जमाया। जीत के बाद कार्लसन ने कहा, “मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। टूर्नामेंट काफी उतार-चढ़ाव वाला था, लेकिन अंत में परिणाम मेरे पक्ष में रहा। यह जीत मेरे लिए राहत की बात है।” विश्व के नंबर-1 शतरंज खिलाड़ी कार्लसन ने भारतीय युवा खिलाड़ियों डी गुकेश और अर्जुन एरिगैसी की तारीफ करते हुए कहा कि ये खिलाड़ी बहुत अच्छे हैं और उन्हें अभी और तैयारी की जरूरत है ताकि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष पर पहुंच सकें।
कार्लसन ने यह भी याद किया कि गुकेश के खिलाफ उनकी हार ने उन्हें कितना प्रभावित किया था। “भले ही उस मुकाबले की हार कोई अच्छी याद नहीं है, लेकिन वह गेम हमेशा मेरे दिल में रहेगा।” गुकेश ने इस टूर्नामेंट में कार्लसन को हराकर एक बड़ा नाम हासिल किया था, जिसके बाद कार्लसन का आक्रामक बर्ताव भी चर्चा का विषय बना था।
भारत के युवा स्टार डी गुकेश का कमाल
भारत के डी गुकेश ने नॉर्वे शतरंज 2025 में तीसरा स्थान हासिल कर अपने उज्जवल भविष्य का संकेत दिया। सिर्फ 18 साल के गुकेश ने विश्व के शीर्ष खिलाड़ियों के बीच अपनी तकनीक और दमदार खेल का परिचय दिया। उन्होंने इस टूर्नामेंट में कई दिग्गज खिलाड़ियों को कड़ी टक्कर दी और अपनी बुद्धिमानी से कई महत्वपूर्ण मैच जीते।
गुकेश के अलावा अर्जुन एरिगैसी ने भी शानदार खेल दिखाया। दोनों खिलाड़ियों ने भारत के शतरंज क्षेत्र में नई उम्मीदों को जन्म दिया है। इस बीच आर्मेनिया में जारी एक और टूर्नामेंट में भारत के आर प्रग्गनानंद और अरविंद चिदंबरम ने भी जबरदस्त प्रदर्शन किया है, जो भारतीय शतरंज के लिए अच्छी खबर है।
महिला वर्ग में यूक्रेन की अन्ना मुजीचुक की जीत
महिला वर्ग में यूक्रेन की ग्रैंडमास्टर अन्ना मुजीचुक ने विजेता बनने का गौरव हासिल किया। उन्होंने कहा, “यह जीत मेरे लिए बहुत मायने रखती है। इस टूर्नामेंट में सफलता हासिल करना मेरे करियर का एक बड़ा मुकाम है।” अन्ना ने भारतीय महिला शतरंज के बारे में भी अपनी राय दी और कहा कि भारत से न केवल युवा खिलाड़ियों की अच्छी फौज सामने आ रही है, बल्कि पुरानी पीढ़ी जैसे कोनेरू हम्पी जैसी दिग्गज भी लगातार प्रेरणा का स्रोत हैं।
अन्ना ने बताया कि उन्होंने कोनेरू हम्पी के साथ अपना पहला मैच तब खेला था जब वह केवल सात साल की थीं और हम्पी उस समय 10 साल की थीं। “यह लगभग 28 साल पहले की बात है। तब से अब तक भारत ने महिला और पुरुष दोनों वर्गों में शानदार प्रगति की है।” मुजीचुक ने माना कि आने वाले दिनों में भारत से और भी खतरनाक खिलाड़ी सामने आएंगे, जिनके खिलाफ खेलना हर बार चुनौतीपूर्ण होगा।