कांग्रेस नेता और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने केरल के वायनाड जिले में 2024 में आए विनाशकारी भूस्खलन को लेकर केंद्र सरकार से तत्काल राहत राशि बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह मसला राजनीति का नहीं बल्कि मानवता का है, और केंद्र को इस त्रासदी को मानवीय दृष्टिकोण से देखना चाहिए।
वायनाड: कांग्रेस नेता और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने केरल के वायनाड जिले में 2024 में हुए भूस्खलन को लेकर केंद्र सरकार द्वारा राहत राशि कम दिए जाने पर विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को राजनीति से ऊपर उठाकर मानवता के दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए। प्रियंका गांधी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि वायनाड के लोगों ने इस भूस्खलन में अपने घर, जीवनयापन के साधन और प्रियजनों को खो दिया है। उन्होंने सरकार से अपील की कि पीड़ितों को उचित राहत और सहायता प्रदान की जाए, ताकि वे अपने जीवन को पुनः स्थिर कर सकें।
केंद्र से मिली राहत राशि को बताया "अपर्याप्त"
प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक ‘X’ (पूर्व ट्विटर) पोस्ट में लिखा कि, “वायनाड के लोगों ने इस भूस्खलन में अपने घर, जीवनयापन के साधन और अपने प्रियजनों को खो दिया है। ऐसे में उनकी मदद करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है, न कि राजनीति का विषय। उन्होंने बताया कि केरल सरकार ने केंद्र से ₹2,221 करोड़ की सहायता राशि मांगी थी, लेकिन केंद्र सरकार ने केवल ₹260 करोड़ स्वीकृत किए, जो कि जरूरत के मुकाबले बहुत कम है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि वायनाड के लोगों को प्रधानमंत्री के दौरे के बाद उम्मीद थी कि उन्हें पर्याप्त मदद मिलेगी, लेकिन अफसोस ऐसा नहीं हुआ। यह राजनीति नहीं, मानवता का सवाल है प्रियंका गांधी ने इस आपदा के प्रति केंद्र के रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि राहत और पुनर्वास का कार्य राजनीति से ऊपर होना चाहिए।
उन्होंने कहा, मानव पीड़ा को राजनीतिक अवसर के रूप में नहीं देखा जा सकता। यह वह समय है जब हमें राजनीति से परे हटकर केवल इंसानियत के नजरिए से काम करना होगा। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि केंद्र को तुरंत केरल सरकार के प्रस्ताव पर पुनर्विचार करना चाहिए और वास्तविक जरूरतों के अनुरूप राहत राशि जारी करनी चाहिए।
वायनाड में तबाही का मंजर
वायनाड में 2024 में आए भीषण भूस्खलन ने हजारों लोगों की जिंदगी उथल-पुथल कर दी थी। कई गांव पूरी तरह मिट्टी में समा गए, सैकड़ों घर तबाह हो गए, और कृषि भूमि नष्ट हो गई। इस आपदा में कई लोगों की मौत हुई और सैकड़ों लोग आज भी बेघर हैं। रिपोर्टों के अनुसार, अब भी कई परिवार अस्थायी राहत शिविरों में रह रहे हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक, सरकारी सहायता की गति बहुत धीमी है और पुनर्वास कार्य अधूरा पड़ा है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि “वायनाड के लोग आज भी न्याय, समर्थन और सम्मान के हकदार हैं। उन्हें उपेक्षा नहीं, सहयोग की जरूरत है। कांग्रेस पार्टी ने भी केंद्र सरकार की ओर से स्वीकृत ₹260 करोड़ की राशि को “अपर्याप्त और असंवेदनशील” बताया है। पार्टी का कहना है कि वायनाड की भौगोलिक स्थिति, पर्यावरणीय नुकसान और मानवीय क्षति को देखते हुए राहत पैकेज का आकार कहीं अधिक होना चाहिए था।