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सेना प्रमुख का अल्टीमेटम! नक्शे पर बने रहना है तो पाकिस्तान आतंकवाद समर्थन बंद करे

सेना प्रमुख का अल्टीमेटम! नक्शे पर बने रहना है तो पाकिस्तान आतंकवाद समर्थन बंद करे

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि राज्य-प्रायोजित आतंकवाद बंद न होने पर भारत कड़ा जवाब देगा और ऑपरेशन सिंदूर 1.0 जैसा संयम नहीं बरतेगा, जवानों से सतर्कता और पूरी तैयारी बनाए रखने का आह्वान किया।

New Delhi: सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है कि अगर उसे नक्शे पर अपनी मौजूदगी बनाए रखनी है, तो उसे राज्य प्रायोजित आतंकवाद का समर्थन तुरंत बंद करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत पूरी तरह से तैयार है और इस बार ऑपरेशन सिंदूर 1.0 जैसा संयम नहीं बरतेगा। जनरल द्विवेदी ने यह बयान राजस्थान के अनूपगढ़ में दिया, जहां उन्होंने जवानों से भी सतर्क रहने और तैयारी पूरी रखने की अपील की।

नक्शे से मिटाने की धमकी

जनरल द्विवेदी ने स्पष्ट कहा कि इस बार भारत ऐसा कदम उठाएगा जिससे पाकिस्तान को सोचना पड़ेगा कि वह भूगोल में रहना चाहता है या नहीं। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान अपनी भौगोलिक उपस्थिति बनाए रखना चाहता है, तो उसे राज्य प्रायोजित आतंकवाद रोकना ही होगा। यह चेतावनी पिछले कई वर्षों में आतंकवाद और सीमा पर बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर आई है।

जवानों को तैयार रहने की अपील

सेना प्रमुख ने जवानों से कहा कि उन्हें हर समय तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा, "अगर ईश्वर ने चाहा तो आपको जल्द ही मौका मिलेगा। शुभकामनाएं।" जनरल द्विवेदी ने बताया कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुनिया को पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों की मौजूदगी के प्रमाण दिए थे, ताकि आतंकवाद को छिपाया न जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने यह कदम अंतरराष्ट्रीय समर्थन के साथ उठाया और पूरी दुनिया ने उसकी कार्रवाई को समर्थन दिया।

ऑपरेशन सिंदूर का इतिहास

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इस अभियान में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) में नौ आतंकी शिविरों को निशाना बनाया। इनमें से सात ठिकानों पर थलसेना ने हमला किया, जबकि दो पर वायुसेना ने कार्रवाई की। सेना प्रमुख ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने लंबी दूरी की सटीक हथियार प्रणालियों का इस्तेमाल किया, जिससे आतंकवादियों और उनके ठिकानों को भारी क्षति पहुंचाई गई।

सीमा पर नागरिकों को सैनिक मानने की नीति

जनरल द्विवेदी ने यह भी कहा कि सीमा पर रहने वाले नागरिक आम नागरिक नहीं हैं, बल्कि वे हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े सैनिक हैं। इसका मतलब यह है कि आने वाले किसी भी संघर्ष में सिर्फ सेना नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र की भागीदारी होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सीमा पर रहने वाले लोग भारतीय सेना की मजबूती और राष्ट्र की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाते हैं।

पहले भी करारा जवाब दिया गया

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था। मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने अमेरिका निर्मित एफ-16 और चीन के जेएफ-17 सहित चार से पांच पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को मार गिराया। इसके अलावा, सेना ने नौ आतंकी शिविरों को पूरी तरह तबाह किया और आतंकवादियों को भारी क्षति पहुंचाई। इस कार्रवाई ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की सैन्य तत्परता और सटीकता को उजागर किया।

ऑपरेशन सिंदूर 1.0 और आगे की तैयारी

जनरल द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर 1.0 में संयम बरता गया था, लेकिन भविष्य में यदि आवश्यकता पड़ी तो भारत किसी भी प्रकार की संकोच नहीं करेगा। उन्होंने जवानों से कहा कि उन्हें हर स्थिति के लिए तैयार रहना होगा और युद्ध के लिए पूरी तरह सक्षम होना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत ने अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं और आतंकवाद के खिलाफ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस

सेना प्रमुख ने स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के मामले में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अपनी नीतियों में बदलाव करना होगा और आतंकवाद का समर्थन समाप्त करना होगा। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो भारत अपने सभी विकल्पों का उपयोग करेगा और सीमा सुरक्षा तथा देश की अखंडता को बनाए रखने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।

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