शेखावाटी के चिड़ावा में कांग्रेस नेता इंदिरा डूडी एक साल बाद फिर से प्रधान पद पर बहाल हुईं। भाजपा सरकार ने उनके खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार आरोपों को निराधार पाया और उन्हें क्लीन चिट दी।
झुंझुनूं: शेखावाटी अंचल के झुंझुनूं जिले के चिड़ावा क्षेत्र में कांग्रेस नेता इंदिरा डूडी को एक साल बाद फिर से प्रधान पद पर बहाल किया गया है। बीते वर्ष भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोपों के चलते उन्हें पद से हटाया गया था। लेकिन अब भाजपा सरकार ने राज्यस्तरीय जांच के बाद यह निर्णय लिया कि इंदिरा डूडी पर लगे सभी आरोप तथ्यहीन हैं।
इस फैसले के साथ ही चिड़ावा की राजनीतिक हवा बदल गई। स्थानीय भाजपा समर्थक और कार्यवाहक प्रधान रोहिताश्व धांगड़ को पद छोड़ना पड़ा। राजनीतिक हलकों में इसे भाजपा के विरोधियों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है और कई सियासी विशेषज्ञ इसे राजनीति में बड़ा उलटफेर बता रहे हैं।
राज्यस्तरीय जांच में इंदिरा डूडी को क्लीन चिट
इंदिरा डूडी को हटाने के बाद की जिला स्तर की जांच में उन पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप लगाए गए थे। लेकिन अब राज्यस्तरीय जांच में उन्हें क्लीन चिट मिल गई है। अतिरिक्त आयुक्त और शासन सचिव त्रिलोक चंद मीणा के हस्ताक्षर से बहाली का आदेश जारी हुआ।
जांच रिपोर्ट में साफ कहा गया कि आरोपों में कोई वास्तविकता नहीं थी। दुकानों के आबंटन में कथित करोड़ों के घोटाले की वास्तविक लागत मात्र 16 लाख रुपये थी। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया कि इंदिरा डूडी की छवि बेदाग है और उनके कार्यों पर आरोप लगाना राजनीतिक रूप से प्रेरित था।
भाजपा के विरोधियों को बड़ा झटका
इंदिरा डूडी की बहाली से स्थानीय भाजपा नेतृत्व और कार्यवाहक प्रधान की स्थिति कमजोर हो गई। विपक्षी नेता इसे सियासी उलटफेर मान रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि यह कदम चिड़ावा क्षेत्र में कांग्रेस की मजबूत पकड़ को फिर से सक्रिय करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इंदिरा डूडी ने बहाली के बाद कहा कि उनका ध्यान अब क्षेत्र की जल, स्वास्थ्य, शिक्षा और गौशालाओं की सेवा पर रहेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य राजनीतिक विवादों में उलझना नहीं बल्कि स्थानीय जनता की भलाई करना है।
शेखावाटी की राजनीति में सियासी हलचल
चिड़ावा इलाका कांग्रेस सांसद बृजेन्द्र ओला और पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का गृह क्षेत्र भी है। इसलिए भाजपा सरकार का यह निर्णय राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। कई विशेषज्ञ इसे भाजपा की रणनीति और इंदिरा डूडी की साफ-सुथरी छवि को देखते हुए लिया गया कदम बता रहे हैं।
स्थानीय नेताओं का कहना है कि यह कदम आगामी चुनावों के मद्देनजर भी महत्वपूर्ण हो सकता है। इंदिरा डूडी की वापसी से कांग्रेस समर्थकों में उत्साह बढ़ा है और राजनीतिक गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है।