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सोने ने किया निवेशकों को मालामाल! एक साल में 50% से ज्यादा रिटर्न, क्या अब भी है खरीदने का सही समय?

सोने ने किया निवेशकों को मालामाल! एक साल में 50% से ज्यादा रिटर्न, क्या अब भी है खरीदने का सही समय?

अगर आपने पिछले साल सोने में निवेश किया था, तो आप वाकई में आज खुद को भाग्यशाली मान सकते हैं। बीते 12 महीनों में सोने की कीमतों में 50% से अधिक की तेजी आई है, जिससे निवेशकों को शानदार रिटर्न मिला है।

Gold Stock: अगर आपने पिछले एक साल में सोने में निवेश किया है, तो आप निश्चित रूप से आज फायदे में हैं। बीते कुछ महीनों में सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है, और यह निवेशकों के लिए एक सुनहरा मौका बनकर उभरा है। पिछले एक साल में सोने की कीमतों में 50 प्रतिशत से ज्यादा का इज़ाफा हुआ है, जबकि पिछले 32 महीनों में यानी करीब 2 साल 8 महीने में 125 प्रतिशत तक का दमदार रिटर्न देखने को मिला है। अब सवाल उठता है कि क्या आगे भी सोना इसी तरह चमकेगा?

सोने का चमकदार प्रदर्शन

सोने को हमेशा से ही एक सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता रहा है, खासकर जब वैश्विक अनिश्चितता, महंगाई या भू-राजनीतिक तनाव बढ़ते हैं। यही कारण है कि अक्टूबर 2022 में जहां सोने की कीमत लगभग 1,500 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस थी, वहीं अब यह 3,500 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंच गई है। भारत में भी इसका असर साफ देखने को मिला है। 

पिछले एक साल में भारत में 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 56,000 रुपये से बढ़कर अब 85,000 रुपये के आसपास पहुंच चुकी है। इस वृद्धि ने ना केवल मौजूदा निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया, बल्कि उन लोगों को भी आकर्षित किया है जो अब तक शेयर बाजार या रियल एस्टेट में निवेश कर रहे थे।

क्यों बढ़ रही है सोने की मांग?

केंद्रीय बैंकों की खरीदारी: साल 2022 से दुनियाभर के केंद्रीय बैंक लगातार अपने गोल्ड रिज़र्व को बढ़ा रहे हैं। इसमें चीन, रूस और भारत जैसे देशों की हिस्सेदारी प्रमुख है। ये बैंक डॉलर पर निर्भरता कम करने और भंडार को स्थिर बनाए रखने के लिए सोने की ओर रुख कर रहे हैं।

ETF और डिजिटल गोल्ड का बढ़ता चलन: निवेशकों का झुकाव अब फिजिकल गोल्ड के बजाय गोल्ड ETF (Exchange Traded Fund) और डिजिटल गोल्ड की ओर बढ़ा है। इससे मांग और भी तेज़ी से बढ़ी है।

RBI का बड़ा फैसला: हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गोल्ड लोन की वैल्यू को बढ़ाते हुए Loan-to-Value Ratio (LTV) को 75% से बढ़ाकर 85% कर दिया है, जिससे गोल्ड के आर्थिक महत्व को और बढ़ावा मिला है। इसका मतलब है कि अब सोना गिरवी रखकर मिलने वाले लोन की राशि बढ़ गई है।

आगे क्या रहेगा ट्रेंड? जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

सोने की मौजूदा रफ्तार को देखते हुए दुनिया की बड़ी वित्तीय संस्थाएं भविष्य में भी कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना जता रही हैं: गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि साल 2025 के अंत तक सोने की कीमत 3,700 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है। अगर अमेरिका में मंदी आती है तो यह कीमत 3,880 डॉलर और गंभीर आर्थिक संकट की स्थिति में 4,500 डॉलर प्रति औंस तक भी पहुंच सकती है।

जेपी मॉर्गन ने भी भविष्यवाणी की है कि अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर और अमेरिकी टैरिफ से बढ़ती महंगाई के चलते 2026 तक सोना 4,000 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है। सिटी रिसर्च ने पहले ही सोने का लक्ष्य मूल्य 3,500 डॉलर रखा था, जिसे अब हासिल कर लिया गया है।

क्या अब भी है निवेश का सही समय?

विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की मांग अभी भी मजबूत बनी हुई है और यह तेजी लंबे समय तक बनी रह सकती है। अगर आप लॉन्ग टर्म के नजरिए से निवेश कर रहे हैं, तो यह वक्त अब भी "लेट बट नॉट लेटेस्ट" की श्रेणी में आता है। हालांकि, सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव स्वाभाविक है और अगर आप शॉर्ट टर्म के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो थोड़ा सतर्क रहना जरूरी होगा। विशेषज्ञ यह भी सलाह देते हैं कि पोर्टफोलियो का अधिकतम 10-15% हिस्सा ही गोल्ड में लगाया जाए।

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