उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए ने सी. पी. राधाकृष्णन को उम्मीदवार चुना है। गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि प्रधानमंत्री पश्चिम, राष्ट्रपति पूर्व से हैं, इसलिए दक्षिण से उपराष्ट्रपति का चयन स्वाभाविक है। उन्होंने आरएसएस से कनेक्शन पर भी जवाब दिया और विपक्ष के दावों को खारिज किया। चुनाव 9 सितंबर को होगा।
नहीं दिल्ली: देश में 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि एनडीए ने दक्षिण भारत से सी. पी. राधाकृष्णन को उम्मीदवार क्यों बनाया। शाह ने कहा कि यह निर्णय राजनीतिक संतुलन और अनुभव को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री पश्चिम और उत्तर से हैं, राष्ट्रपति पूरब से हैं, इसलिए उपराष्ट्रपति दक्षिण से आना स्वाभाविक है।
शाह ने यह भी कहा कि राधाकृष्णन का राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव बेहद व्यापक है। उन्होंने दो बार सांसद के रूप में काम किया है, पार्टी अध्यक्ष रह चुके हैं और विभिन्न राज्यों जैसे झारखंड, तेलंगाना, पुडुचेरी और महाराष्ट्र में राज्यपाल के रूप में भी सेवा दी है।
दक्षिण से उम्मीदवार चुनने का कारण और राजनीतिक संतुलन
अमित शाह ने दक्षिण से उम्मीदवार चुनने को लेकर उठाए जा रहे कयासों का खंडन किया। कुछ लोग इसे तमिलनाडु में बीजेपी का प्रभाव बढ़ाने के तौर पर देख रहे थे, लेकिन शाह ने इसे पूरी तरह असंगत बताया। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति पद का चयन किसी विशेष राज्य या क्षेत्र में राजनीतिक लाभ के लिए नहीं किया जाता।
शाह ने जोर देकर कहा, “उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार का चयन देश की व्यापक राजनीतिक संतुलन और अनुभव को ध्यान में रखते हुए किया गया है। सी. पी. राधाकृष्णन का राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाता है। उनका जीवन और करियर दोनों ही साफ-सुथरे हैं, इसलिए यह चयन स्वाभाविक और न्यायसंगत है।”
राधाकृष्णन के RSS कनेक्शन पर अमित शाह का बयान
राधाकृष्णन के आरएसएस से कनेक्शन को लेकर उठ रहे सवालों पर अमित शाह ने कहा कि यह कोई नकारात्मक बात नहीं है। उन्होंने उदाहरण दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और स्वयं अमित शाह भी आरएसएस से जुड़े हैं। उन्होंने कहा, “सी. पी. राधाकृष्णन का आरएसएस से जुड़ाव किसी भी तरह से माइनस पॉइंट नहीं है। यह संगठन देश की सेवा के लिए काम करता है और इस अनुभव का फायदा भारत के लोकतंत्र को भी मिलता है।”
शाह ने यह भी कहा कि राधाकृष्णन का लंबा प्रशासनिक और राजनीतिक अनुभव उन्हें उपराष्ट्रपति के रूप में चुनने का सबसे बड़ा कारण है।
उपराष्ट्रपति चुनाव में राधाकृष्णन की बी. सुदर्शन रेड्डी से कड़ी टक्कर
9 सितंबर को होने वाले चुनाव में एनडीए ने सी. पी. राधाकृष्णन को मैदान में उतारा है, जबकि विपक्ष ने पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाया है। दोनों के बीच यह मुकाबला काफी प्रतिस्पर्धी होने की संभावना है।
शाह ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और लोकतांत्रिक होगी। वोटिंग और परिणाम एक ही दिन घोषित किए जाएंगे, जो भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस चुनाव में सभी दलों को समान अवसर और निष्पक्ष प्रक्रिया मिलेगी।