वाराणसी जिले में एक बड़े पैमाने पर नशीले सिरप के अवैध कारोबार का पर्दाफाश हुआ है। एफएसडीए की कार्रवाई में सामने आया कि एक फार्मा फर्म ने कम-से-कम 32,871 बोतलें (OHMEREX-T सिरप 100 मिली) 15 जुलाई से 13 अक्टूबर 2025 के बीच 18 बिलों के माध्यम से खरीदी थीं।
जांच के दौरान यह पाया गया कि उक्त फर्म शिवांश फार्मा, संचालक शुभम चौरसिया पुत्र राजू चौरसिया निवासी रेउवा-चिरईगांव, रेउवा क्षेत्र की है।
दुकान आठ महीने से बंद पड़ी मिली थी, जबकि भवन मकान मालिक द्वारा बताया गया कि दुकान शुभम चौरसिया को किराये पर दी गई थी।
विभाग ने 7 दिन के भीतर क्रय-विक्रय अभिलेख प्रस्तुत करने का नोटिस जारी किया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद थाना चौबेपुर में FIR दर्ज कर पुलिस जांच में जुटी है।
इतनी भारी मात्रा में “नशीले” श्रेणी के सिरप का लेन-देहना यह संकेत देता है कि यह सिर्फ चिकित्सकीय उपयोग तक सीमित नहीं था बल्कि अवैध नेटवर्क से जुड़ा था।
गैर-लाइसेंसी दुकान संचालन, अभिलेख विहीन क्रय-विक्रय और लंबे समय से बंद अवस्था में दुकान इस पूरे मामले को संदिग्ध बनाती है।
एफएसडीए व पुलिस मिलकर आरोपी फर्म तथा इसके नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही हैं।
आम नागरिकों को चेतावनी दी गई है कि मेडिकल स्टोर से दवाएँ खरीदते समय लाइसेंस एवं बिल की पक्की जाँच करें—यदि संदेह हो तो विभाग को तुरंत सूचित करें।












