गुजरात के वडोदरा जिले में महिसागर नदी पर स्थित पुराने पुल का एक हिस्सा 9 जुलाई को गिर गया था, जिसमें करीब 20 लोगों की जान चली गई। इस हादसे ने न सिर्फ लोगों को झकझोर दिया बल्कि सरकार को भी तुरंत फैसले लेने पर मजबूर कर दिया। पुल के टूटने से आणंद और वडोदरा जिलों को जोड़ने वाला संपर्क पूरी तरह कट गया। यह पुल सौराष्ट्र और मध्य गुजरात के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी था।
212 करोड़ रुपये की योजना पर मुहर
इस दर्दनाक हादसे के कुछ ही दिन बाद गुजरात सरकार ने तेजी दिखाते हुए एक समानांतर नया पुल बनाने की घोषणा कर दी। इसके लिए 212 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया है। यह पुल पुराने पुल के समानांतर बनेगा और तकनीकी तौर पर अधिक मजबूत होगा। सरकार ने इसकी निविदा प्रक्रिया भी शुरू कर दी है और निर्माण की जिम्मेदारी राज्य के सड़क एवं भवन विभाग (R&B) को दी गई है।
18 महीनों में तैयार होगा नया पुल
सरकार ने तय किया है कि यह नया पुल 18 महीने के भीतर बनकर तैयार हो जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक, सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) भी तैयार कर ली गई है। निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा। इसके लिए आसपास के इलाकों में भी सड़क ढांचे को सुधारने की योजना है, जिससे लोगों को बेहतर आवागमन की सुविधा मिल सके।
सड़क चौड़ाई और एप्रोच रोड में बड़ा बदलाव
इस परियोजना में सिर्फ पुल ही नहीं, बल्कि इसके आसपास की सड़क व्यवस्था को भी आधुनिक और चौड़ा बनाया जाएगा। अभी जो दो लेन की सड़क है, उसे चार लेन तक विस्तारित किया जाएगा। साथ ही पुल के दोनों ओर एप्रोच रोड की चौड़ाई भी सात मीटर तक की जाएगी। कुल मिलाकर 4.2 किलोमीटर के हिस्से को बेहतर किया जाएगा। यह काम पूरी तरह से आरएंडबी विभाग की निगरानी में होगा।
तकनीकी स्तर पर पहले से ज्यादा मजबूत होगा नया पुल
राज्य सरकार के मुताबिक, नए पुल के डिजाइन में पुराने पुल की कमियों को ध्यान में रखा गया है। पुल को मजबूत बनाने के लिए आधुनिक तकनीकों और हाई क्वालिटी स्ट्रक्चरल मटेरियल्स का इस्तेमाल किया जाएगा। विशेषज्ञों की मानें तो इस बार ब्रिज के निर्माण में फाउंडेशन और गार्डर से लेकर बीम तक सब कुछ नए तरीके से प्लान किया गया है ताकि भविष्य में कोई दुर्घटना न हो।
लोकल ट्रैफिक को ध्यान में रखकर तैयार की गई योजना
गंभीर हादसे के बाद क्षेत्रीय यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ था। ग्रामीणों और ट्रांसपोर्टर्स को रोजाना की आवाजाही में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। सरकार ने इस बात को ध्यान में रखते हुए नया पुल बनवाने का निर्णय लिया है ताकि लोकल लोगों को सुविधा मिल सके और व्यावसायिक गतिविधियां प्रभावित न हों।
पुराने पुल की 40 साल पुरानी कहानी
जिस पुल का हिस्सा टूट गया, वह करीब 40 साल पुराना था। इसकी मरम्मत के लिए पहले भी कई बार प्रस्ताव आए थे, लेकिन काम अधूरा रह गया। 9 जुलाई को हुए हादसे ने इस लापरवाही की पोल खोल दी। हादसे की जांच चल रही है और प्रशासन ने कहा है कि दोषियों की पहचान के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बेलनुमा गांव से महिसागर नदी के पार तक कनेक्टिविटी
नया पुल गंभीरा गांव से होकर महिसागर नदी को पार करेगा और वडोदरा को आणंद से जोड़ने वाला एक अहम संपर्क मार्ग होगा। इस पुल के निर्माण से ट्रैफिक का लोड कम होगा और दोनों जिलों के बीच सुगम यातायात सुनिश्चित होगा। इसके साथ ही आसपास के गांवों को भी मुख्य राजमार्गों से जोड़ने में मदद मिलेगी।
परियोजना की निगरानी में शामिल होंगी एजेंसियां
राज्य सरकार इस बार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। पुल निर्माण और निगरानी के लिए एक उच्चस्तरीय तकनीकी समिति बनाई जा रही है जिसमें सिविल इंजीनियरिंग एक्सपर्ट्स, स्ट्रक्चरल डिजाइनर और इंडिपेंडेंट एजेंसियों को शामिल किया जाएगा। काम की क्वालिटी और टाइमलाइन को सुनिश्चित करने के लिए सख्त शर्तें लागू की जाएंगी।
डिजिटल मॉनिटरिंग और सुरक्षा उपाय
नए पुल की निगरानी के लिए तकनीकी साधनों का भी इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें जीपीएस आधारित ट्रैकिंग, कैमरा निगरानी और डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया जाएगा ताकि निर्माण की हर प्रक्रिया पर नजर रखी जा सके। हादसों से सबक लेते हुए सरकार तकनीकी मानकों के किसी भी उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेगी।