यशस्वी जायसवाल में एक शांत और दृढ़ व्यक्तित्व है, जो बहुत कम युवा खिलाड़ियों में दिखाई देता है। मात्र 23 साल की उम्र में यह भारतीय ओपनर हर नए मैदान को अपने लिए मंच बना चुका है।
स्पोर्ट्स न्यूज़: भारतीय क्रिकेट में युवा ओपनर यशस्वी जायसवाल ने अपने खेल से एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वे आधुनिक भारतीय बल्लेबाजों की नई परिभाषा हैं। तकनीकी रूप से सशक्त और मानसिक रूप से मजबूत, 23 साल के यशस्वी हर नए मैदान पर अपनी बल्लेबाजी की छाप छोड़ रहे हैं। दिल्ली टेस्ट के पहले दिन वेस्टइंडीज के खिलाफ उनका शतक सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि सात अलग-अलग मैदानों पर सात टेस्ट शतक लगाने का रिकॉर्ड बन गया।
सात शतकों की यात्रा – रोसियो से दिल्ली तक
यशस्वी ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत 2023 में वेस्टइंडीज के खिलाफ रोसियो में 171 रनों की पारी से की थी। इस डेब्यू शतक ने न केवल उनकी प्रतिभा को प्रदर्शित किया, बल्कि उनके धैर्य और क्लासिक टेस्ट क्रिकेट की समझ को भी साबित किया। इसके बाद इंग्लैंड में लीड्स और द ओवल जैसे चुनौतीपूर्ण मैदानों पर उन्होंने विदेशी परिस्थितियों में भी अपनी काबिलियत दिखाई। स्विंग और बाउंस वाली परिस्थितियों में रन बनाना आसान नहीं होता, लेकिन यशस्वी ने संतुलित खेल दिखाकर भारत को स्थिरता प्रदान की।
वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू मैदानों पर और अब दिल्ली में उनका प्रदर्शन इस बात का प्रमाण है कि यशस्वी हर तरह की पिच और परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढाल सकते हैं।
हर पिच, हर हालात में स्थिरता
दिल्ली टेस्ट में यशस्वी ने 145 गेंदों पर 16 चौके लगाते हुए सातवां शतक पूरा किया। उनकी बल्लेबाजी में कवर ड्राइव्स, कट शॉट्स और आक्रामक रन बनाने की क्षमता देखने को मिली। विशेषज्ञों का कहना है कि यशस्वी की सबसे बड़ी ताकत उनकी स्पष्ट सोच और रणनीतिक खेल योजना है। वे जानते हैं कि कब पारी का निर्माण करना है, कब संयम रखना है और कब आक्रमण करना है। अहमदाबाद टेस्ट में 36 रन पर आउट होने के बाद उन्होंने दो दिन लगातार नेट्स में कड़ी मेहनत की, जिससे उनकी तैयारी ने यह साबित किया कि वे हर असफलता से सीखने और सुधारने में सक्षम हैं।
यशस्वी का हर शतक टीम इंडिया के लिए महत्वपूर्ण रहा है। रोसियो में डेब्यू शतक ने टीम को बड़ी जीत दिलाई। इंग्लैंड के खिलाफ शतक ने कठिन परिस्थितियों में भारत को स्थिरता दी। और अब दिल्ली में उनका शतक, जिसने भारत को शुरुआती दिन ही नियंत्रण में ला दिया। यशस्वी की पारी अक्सर टीम की नींव रखती है और मिडिल ऑर्डर पर दबाव कम करती है। केवल दो वर्षों में 50 के औसत के साथ सात शतक और 12 अर्धशतक का आंकड़ा किसी भी युवा बल्लेबाज के लिए असाधारण है।