मजबूत कहानी की बदौलत ऑस्कर जीत सकते हैं

गुरूदत्त की फिल्में ऑस्कर की हकदार रही हैं : गुनीत मोंगा- कार्तिकी गोंजालवेज

जिस वक्त आपकी जीत अनाउंस हुई, कैसा महसूस हुआ?

वह बेहद स्वप्निल और जादुई एहसास था। कार्तिकी और हमने एक दूसरे को गले लगाया। मैं उसे लगातार कहती रही कि जल्दी चलो मंच पर, क्योंकि हमें तब भी यकीन नहीं हो रहा था कि हमारी डॉक्यूमेंट्री को ऑस्कर मिला है। यह भारत की ओर से पहला होम प्रोडक्शन है, जिसने ऑस्कर

क्या डॉक्युमेंट्री के बचे हुए हिस्सों के जरिए कोई फ्रेंचाइजी बनाई जाएगी?

बचे हुए फुटेज वैसे ही रहने वाले हैं। क्योंकि हमने उन्हीं 450 मिनट के फुटेज में से बेस्ट स्टोरी चुनकर और छांटकर डॉक्यूमेंट्री क्रिएट की। हम अब अगली कहानी पर मूव ऑन हो रहें हैं।सच कहा जाए तो हम दोनों अलग अलग जर्नी पर चल भी चुके हैं।

ऑस्कर जीतने का गुरूमंत्र क्या है ?

हमारे मामले में नेटफ्लिक्स बतौर डिस्ट्रीब्यूटर काफी मददगार साबित हुए। अगर हमारी एक्सपर्टीज खूबसूरत कहानियां कहने की है, तो एक सही अमरीकी डिस्ट्रीब्यूटर से साझेदारी करना बहुत जरूरी है।

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