बात-बात पर ठूंसकर खाने से जवानी बर्बाद:

दोपहर-शाम को पड़ता दौरा, लड़कियों को ज्यादा खतरा, मां-बाप से मिलने वाली ये बीमारी डॉक्टर नहीं पकड़ पाते

क्या आप जानते हैं बिंज ईटिंग किसे कहते हैं? यह एक तरह का डिसऑर्डर है।

जिसमें व्यक्ति अपनी नॉर्मल डाइट से कई गुना ज्यादा खाने लगता है और चाहकर भी खुद को रोक नहीं पाता। उसका पेट तो भर जाता है, लेकिन मन नहीं भरता। भूख न होने के बावजूद वह दिन में कम से कम 4 से 5 बार जी भरकर खाता है।

यह डिसऑर्डर आमतौर पर 17 साल की उम्र से शुरू होता है

इससे उस उम्र में कई दिक्कतें हो जाती हैं। इसका खतरा आमतौर पर लड़कियों को ज्यादा होता है और अगर यह डिसऑर्डर माता या पिता में से किसी को रहा है तो इसके बच्चों में ट्रांसफर होने का रिस्क भी बढ़ जाता है

कब शुरू होता है 'बिंज ईटिंग एपिसोड'

ऐसे लोगों में किसी दौरे की तरह खाना खाने का जुनून सवार होता है। जिसे डॉक्टर 'बिंज ईटिंग एपिसोड' कहते हैं। जब तनाव, डायटिंग या खुद के बॉडी शेप से जुड़ी कोई निगेटिव फीलिंग, या फिर कोई और मानसिक परेशानी दिलो-दिमाग पर हावी हो जाती है

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