शीजान ने कविता में बयां किया अपना दर्द
कैप्शन में शीजान ने तुनिषा को परी कहा, जो आसमान से उतरी थी, जिसकी आंखें बेहद खूबसूरत थी, जिसकी अदाएं बेहद गजब थीं। इतना ही नहीं कविता में शीजान ने कहा कि तुनिषा के लिए कई तक्लीफें थीं लेकिन उसने किसी से कुछ भी नहीं कहा और वो अचानक एक दिन चुप हो गई। कवि