भगवान वराह विष्णु जी के तीसरे अवतार हैं। जानिए इनका स्वरूप, पूजा का महत्व और वराह जयंती क्यों है ट्रेंड में।
इस साल वराह जयंती 25 अगस्त को मनाई जाएगी। पूजा का मुहूर्त दोपहर 01:40 से शाम 04:15 तक है।
भगवान वराह विष्णु जी के तीसरे अवतार हैं और इन्हें उद्धारक देवता के रूप में जाना जाता है।
इनका मुख शुकर का और शरीर इंसानी है। इनके दांतों में पृथ्वी को समुद्र से उठाने की शक्ति होती है।
भगवान वराह अपने हाथों में तलवार या भाला धारण करते हैं, जो उनके योद्धा रूप को दर्शाता है।
राक्षस हिरण्याक्ष ने पृथ्वी को हरण किया। भगवान वराह ने उसे समुद्र से बाहर निकालकर धरती को स्थापित किया।
वराह जयंती पर पूजा करने से सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है और शत्रु से रक्षा मिलती है।