भारतीय क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी युवराज सिंह, अपने दमदार प्रदर्शन और संघर्ष की कहानी से करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा बने।
युवराज सिंह- शुरुआती सफर
युवराज सिंह ने 2000 में केन्या के खिलाफ अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की। अपनी आक्रामक बल्लेबाजी और बेहतरीन फील्डिंग से उन्होंने क्रिकेट जगत में अलग पहचान बनाई।
नेटवेस्ट ट्रॉफी का हीरो (2002)
युवराज सिंह ने 2002 के फाइनल में मोहम्मद कैफ के साथ मिलकर इंग्लैंड के खिलाफ ऐतिहासिक जीत दिलाई। उनकी धमाकेदार बल्लेबाजी आज भी यादगार है।
2007 टी20 वर्ल्ड कप
युवराज ने इंग्लैंड के खिलाफ एक ओवर में 6 छक्के जड़े। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 70 रन की पारी खेलकर भारत को पहली बार टी20 वर्ल्ड कप जिताने में अहम भूमिका निभाई।
2011 वर्ल्ड कप का स्टार
युवराज ने बल्ले और गेंद से दमदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 362 रन और 15 विकेट लेकर भारत को 28 साल बाद वर्ल्ड कप जिताने में मदद की। इसके लिए उन्हें 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' चुना गया।
कैंसर से जंग
2011 वर्ल्ड कप के तुरंत बाद युवराज को कैंसर का पता चला। लेकिन अपनी मेहनत और दृढ़ निश्चय से उन्होंने बीमारी को हराया और मैदान पर वापसी की।
संन्यास (2019)
युवराज ने 2019 में क्रिकेट से संन्यास लिया। हालांकि, उनका योगदान और प्रेरणादायक सफर आज भी हर क्रिकेट फैन को याद है।