हर साल गर्मियों में टूरिस्ट्स से भरने वाला नैनीताल इस बार खाली-सा क्यों नजर आया?
जहां पहले पैर रखने की जगह न मिलती थी, इस बार नैनीताल की गलियाँ और झीलें शांत रहीं।
होटल बुकिंग्स 90% तक घटीं, बिज़नेस ठप हो गया — कैब ड्राइवर्स और दुकानदारों के चेहरे पर मायूसी।
12 साल की बच्ची से रेप केस और विरोध-प्रदर्शन ने टूरिस्ट्स में डर का माहौल बना दिया।
होटल, एंट्री फीस, पार्किंग के बढ़े रेट्स ने टूरिस्ट्स को सस्ते ऑप्शंस की ओर मोड़ दिया।
कौसानी, मुक्तेश्वर, भीमताल जैसे शांत और सस्ते हिल स्टेशन बने टूरिस्ट्स की पहली पसंद।
सेफ्टी और बजट कंट्रोल के साथ नैनीताल दोबारा ट्रैवलर्स का फेवरेट बन सकता है — उम्मीद है फिर चमकेगा!