भीमसेनी एकादशी यानी निर्जला एकादशी का व्रत साल की सभी एकादशियों का पुण्य देता है।
यह एकादशी साल की सबसे कठिन और फलदायी मानी जाती है। व्रत करने से मिलता है सभी एकादशियों का पुण्य।
सुबह जल्दी उठें, स्नान करें और गंगाजल से स्थान शुद्ध करें। फिर विष्णु-लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें।
विष्णु जी को चढ़ाएं पीले फूल, तुलसी और चंदन। लक्ष्मी जी को अर्पित करें मखाने और मीठा भोग।
पीपल वृक्ष के नीचे घी का दीपक जलाकर परिक्रमा करें – विष्णु-लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलेगा।
विष्णु और लक्ष्मी जी के मंत्रों का जाप करें जैसे – ॐ नमो भगवते वासुदेवाय और ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:।
द्वादशी पर अगले दिन विष्णु पूजन के बाद व्रत खोलें और दान करें – जीवन में आती है समृद्धि।