निर्जला एकादशी २०२५ विष्णु-लक्ष्मी कृपा पाने का सबसे शुभ दिन

भीमसेनी एकादशी यानी निर्जला एकादशी का व्रत साल की सभी एकादशियों का पुण्य देता है।

निर्जला एकादशी क्यों है खास?

यह एकादशी साल की सबसे कठिन और फलदायी मानी जाती है। व्रत करने से मिलता है सभी एकादशियों का पुण्य।

कैसे करें पूजा की शुरुआत?

सुबह जल्दी उठें, स्नान करें और गंगाजल से स्थान शुद्ध करें। फिर विष्णु-लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें।

क्या चढ़ाएं भगवान को?

विष्णु जी को चढ़ाएं पीले फूल, तुलसी और चंदन। लक्ष्मी जी को अर्पित करें मखाने और मीठा भोग।

पीपल के पेड़ के नीचे दीप जलाएं

पीपल वृक्ष के नीचे घी का दीपक जलाकर परिक्रमा करें – विष्णु-लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलेगा।

ये मंत्र जपना न भूलें

विष्णु और लक्ष्मी जी के मंत्रों का जाप करें जैसे – ॐ नमो भगवते वासुदेवाय और ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:।

ऐसे करें व्रत का पारण

द्वादशी पर अगले दिन विष्णु पूजन के बाद व्रत खोलें और दान करें – जीवन में आती है समृद्धि।

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