मानसून में दही खाना कितना सही? जानिए फायदे से ज़्यादा नुकसान!

दही स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, लेकिन मानसून में इसका सेवन उल्टा असर डाल सकता है। आयुर्वेद कहता है, इन महीनों में दही खाने से पहले सोचें ज़रूर!

मानसून में क्यों न खाएं दही?

बरसात के मौसम में दही का सेवन वात, पित्त और कफ को असंतुलित कर सकता है, जिससे शरीर पर नकारात्मक असर पड़ता है।

पाचन को करता है कमजोर

दही की ठंडी तासीर पाचन शक्ति को धीमा कर सकती है। इससे गैस, अपच और पेट फूलने जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं।

इम्यून सिस्टम पर असर

बरसात में दही खाने से प्रतिरोधक क्षमता घटती है। इससे आप मौसमी एलर्जी और बीमारियों के शिकार हो सकते हैं।

सांस की तकलीफें बढ़ सकती हैं

दही से बलगम बनता है, जो मानसून की नमी के साथ मिलकर सर्दी, खांसी और छाती जाम कर सकता है।

बिना मसाले वाली दही से बचें

खाली दही ना खाएं! इसमें काली मिर्च, जीरा या शहद मिलाकर सेवन करें ताकि पाचन ठीक रहे।

दही खाएं, पर सोच-समझकर!

मानसून में दही पूरी तरह न छोड़ें, लेकिन सीमित मात्रा और सही तरीके से ही खाएं — तभी मिलेगा पूरा फायदा।

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