श्रावण मास यानी सावन को सिर्फ भोलेनाथ का महीना नहीं, बल्कि कई परंपराओं और त्योहारों का संगम कहा गया है। जानिए इसके 10 अनोखे नाम और उनके पीछे की रोचक कहानियां।
सावन की पूर्णिमा पर रहता है श्रवण नक्षत्र, इसी से पड़ा इसका मूल नाम ‘श्रावण मास’। यही नाम सबसे प्रचलित है।
सावन में चारों ओर हरियाली, झरने और ताजगी का माहौल होता है, जो इसे ‘मधुमास’ यानी मधुर महीना बना देता है।
इस महीने से ही भगवान विष्णु चार माह की शयनावस्था में जाते हैं, इसलिए इसे 'हरिमास' कहा जाता है।
कांवड़ यात्रा सावन की खास पहचान है, जिसमें शिवभक्त गंगाजल लेकर पैदल चलकर शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं।
समुद्र मंथन में निकला विष शिवजी ने पिया था और उनका कंठ नीला हो गया, इसलिए यह महीना ‘नीलकंठ मास’ कहलाता है।
वृंदावन में सावन के झूला उत्सव होते हैं, इसी कारण यह महीना ‘झूलनमास’ के नाम से भी जाना जाता है।