नवजात बच्चों के चेहरे पर मासूमियत होती है, लेकिन उनके दिमाग में बहुत कुछ चल रहा होता है. जानिए क्या सोचते हैं वो पैदा होते ही.
जन्म के बाद बच्चों के दिमाग में हर सेकेंड 10 लाख से ज्यादा न्यूरल कनेक्शन बनते हैं, जो उनके विकास का आधार होते हैं.
बच्चों के दिमाग का पीछे वाला हिस्सा यानी सोशल ब्रेन सबसे पहले एक्टिव होता है, जो उन्हें लोगों को समझने में मदद करता है.
जब बच्चा चुपचाप आपकी बात सुनता है, तब भी उसका दिमाग एक्टिव रहता है और वो आपके व्यवहार को समझने की कोशिश करता है.
भूख, नींद या परेशानी हो तो बच्चा रोकर बताता है. इसी तरह वह इशारों से दुनिया से संवाद करना सीखता है.
जन्म के बाद के कुछ साल बच्चों के ब्रेन डेवलपमेंट के लिए सबसे अहम होते हैं, इसी दौरान वे महसूस करना और सीखना शुरू करते हैं.
बच्चा अपनी आंखों, कानों और स्पर्श से इस दुनिया को जानना शुरू करता है. हर अनुभव उसके दिमाग में नया कनेक्शन बनाता है.