AI से काम तो आसान हो रहा है, लेकिन क्या दिमाग पर इसका बुरा असर पड़ रहा है? नए अध्ययनों में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य, जानिए पूरी सच्चाई।
MIT के एक अध्ययन में पाया गया कि AI से लिखने वाले छात्रों के दिमाग में क्रिएटिव हिस्सों की हलचल कम हो गई।
AI से निबंध लिखने वाले छात्र अपने ही लेख की जानकारी ठीक से याद नहीं रख पाए। सोचने की क्षमता पर पड़ा असर।
900 में से केवल 555 कामों में ही लोगों ने AI के साथ सोचने की कोशिश की। बाकी काम ऑटो मोड में हुए।
स्विट्ज़रलैंड में 666 लोगों पर हुए रिसर्च में पाया गया कि ज्यादा AI यूज़ से क्रिटिकल थिंकिंग कमजोर हो रही है।
AI से मिले आइडिया कम यूनिक और ज्यादा सामान्य पाए गए। असली रचनात्मकता में आई गिरावट।
AI को आखिरी जवाब देने वाला न बनाएं, बल्कि गाइड की तरह इस्तेमाल करें ताकि दिमाग सोचता रहे और सक्रिय बना रहे।