नेताजी सुभाष चंद्र बोस: विदेशी धरती से आजादी की अनोखी लड़ाई

नेताजी ने कैसे ब्रिटिश हुकूमत से सशस्त्र संघर्ष किया और बापू से क्यों थे अलग? जानिए उनकी कहानी।

नेताजी का फॉरवर्ड ब्लॉक और गांधी से मतभेद

1939 में कांग्रेस अध्यक्ष चुने गए नेताजी, लेकिन गांधी से वैचारिक दूरियां बढ़ीं और वे अलग रास्ते पर चल पड़े।

जेल से अनशन के जरिए रिहाई

1940 में काली पूजा पर अनशन कर नेताजी ने जेल प्रशासन को मजबूर कर रिहा होना सुनिश्चित किया।

विदेश जाकर आजाद हिंद फौज का गठन

जर्मनी, जापान और अन्य देशों के सहयोग से नेताजी ने सशस्त्र मुक्ति सेना बनाई।

5 जुलाई 1943: आजाद हिंद फौज का सुप्रीम कमांडर

सिंगापुर में नेताजी ने आजाद हिंद फौज को ‘दिल्ली चलो’ का नारा देते हुए प्रेरित किया।

अंतरिम सरकार की स्थापना और विदेशी मान्यता

1943 में आजाद हिंद सरकार बनी, जिसे नौ देशों ने मान्यता दी और ब्रिटिश विरोधी युद्ध घोषित किया।

अंतिम संघर्ष और नेताजी का रहस्यमय निधन

1944-45 में भारत में लड़ाई लड़ी गई, 1945 में विमान दुर्घटना से नेताजी के निधन की खबर आई लेकिन विवाद बना रहा।

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