धन के देवता कुबेर का वाहन किसी पशु या पक्षी के बजाय इंसान है। इसके पीछे गहरी पौराणिक कथा और दार्शनिक शिक्षा छुपी है। आइए जानते हैं।
कुबेर जी को धन, ऐश्वर्य और समृद्धि का देवता माना जाता है। वे यक्षों के राजा और धनाध्यक्ष भी कहलाते हैं।
जहां बाकी देवी-देवताओं के वाहन पशु-पक्षी हैं, कुबेर का वाहन इंसान है। यह उनकी विशिष्टता को दर्शाता है।
धन का असली स्वामी और उपयोगकर्ता मनुष्य ही है। इसलिए कुबेर का वाहन इंसान होना इस गहरी सच्चाई का प्रतीक है।
कुबेर का वाहन यह सिखाता है कि धन तभी सार्थक है जब उसे सही दिशा में इस्तेमाल किया जाए।
देवताओं के बीच चर्चा के बाद ब्रह्माजी ने कहा कि धन का स्वामी मनुष्य है। इसलिए कुबेर का वाहन इंसान चुना गया।
शास्त्र बताते हैं कि धन का उपयोग धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के मार्ग पर होना चाहिए। गलत उपयोग विनाश का कारण बनता है।