भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक आज से मुंबई में शुरू हो गई है। यह बैठक 4 दिसंबर से 6 दिसंबर तक चलेगी, और आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास शुक्रवार, 6 दिसंबर को मौद्रिक नीति पर निर्णय की घोषणा करेंगे।
RBI Meeting: भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक आज से मुंबई में शुरू हो गई है। यह बैठक 4 दिसंबर से 6 दिसंबर तक चलेगी, जिसमें केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास शुक्रवार, 6 दिसंबर को मौद्रिक नीति पर अपना निर्णय करेंगे। बैठक का आयोजन देश की अर्थव्यवस्था को लेकर चल रही कई चुनौतियों के बीच किया जा रहा है।
आर्थिक चुनौतियां और मुद्रास्फीति पर बढ़ी चिंता
इस बैठक में प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जिनमें उच्च मुद्रास्फीति, जीडीपी ग्रोथ में गिरावट और उत्पादन स्तरों में कमी शामिल हैं। खासकर, सब्जियों की महंगाई पर भारतीय कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी ने चिंता जताई, जिन्होंने कहा कि यह केंद्रीय बैंक के नियंत्रण से बाहर है। गुलाटी ने यह भी कहा कि अक्टूबर में जारी जीडीपी आंकड़े बताते हैं कि आरबीआई को रेपो दर में कटौती में समय लग सकता है, हालांकि उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि आरबीआई को अब सही कदम उठाने की आवश्यकता है।
गुलाटी ने मुद्रास्फीति और जीडीपी वृद्धि पर जताई चिंता
गुलाटी ने कहा, "टमाटर और अन्य सब्जियों की महंगाई ने आरबीआई के लिए एक चुनौती पेश की है, और यह इस पर काबू पाना उनके लिए मुश्किल हो सकता है।" उन्होंने यह भी बताया कि जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े आरबीआई के अनुमानों से काफी कम रहे, जिससे यह संकेत मिलता है कि आरबीआई को अपनी नीतियों में बदलाव करने में थोड़ा अधिक समय लग सकता है।
अक्टूबर की बैठक में स्थिर रखा गया रेपो दर
अक्टूबर में हुई पिछली MPC बैठक में आरबीआई ने लगातार 10वीं बार रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा था। इसके अलावा, स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (SDF) दर 6.25 प्रतिशत और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) दर 6.75 प्रतिशत पर बनी रही।
मुद्रास्फीति और जीडीपी वृद्धि में गिरावट
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में रिटेल मुद्रास्फीति 6.21 प्रतिशत तक पहुंच गई, जो आरबीआई के तय सीमा 6 प्रतिशत से अधिक थी। वहीं, खाद्य मुद्रास्फीति 10.87 प्रतिशत रही, जिसमें सब्जियों की महंगाई 42.18 प्रतिशत तक पहुंच गई। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि आरबीआई के लिए मुद्रास्फीति पर काबू पाना और आर्थिक विकास को गति देना दोनों ही महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं।
MPC को नीति उपायों का मूल्यांकन
हालिया आंकड़े यह दिखाते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है, खासकर जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ केवल 5.4 प्रतिशत रही, जो आरबीआई के अनुमान 7 प्रतिशत से कम है। ऐसे में MPC को अपनी नीतियों का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने की आवश्यकता है, ताकि मुद्रास्फीति के दबाव को कम किया जा सके और आर्थिक विकास को फिर से सक्रिय किया जा सके।