Aarti Industries के शेयरों में 10% की गिरावट, सितंबर तिमाही के नकारात्मक नतीजों से हुआ प्रभाव

Aarti Industries के शेयरों में 10% की गिरावट, सितंबर तिमाही के नकारात्मक नतीजों से हुआ प्रभाव
Last Updated: 2 दिन पहले

सोमवार को आरती इंडस्ट्रीज (Aarti Industries) के शेयर शुक्रवार के बंद भाव 474.40 रुपये से लगभग 10 फीसदी गिरकर 427 रुपये के स्तर पर अपने इंट्राडे लो स्तर को छू गए। इस स्टॉक में पिछले कई महीनों से लगातार गिरावट देखी जा रही है।

नई दिल्ली: केमिकल निर्माण करने वाली प्रमुख कंपनी Aarti Industries के शेयरों में सोमवार को बड़ी गिरावट देखने को मिली है। यह गिरावट कंपनी द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही और पहली छमाही के परिणाम जारी करने के बाद आई है, जिसमें टैक्स के बाद के मुनाफे में 43 प्रतिशत की कमी आई है। जुलाई से सितंबर की तिमाही में कंपनी का मुनाफा 52 करोड़ रुपये रहा।

आज 9 प्रतिशत टूटे शेयर

सोमवार को आरती इंडस्ट्रीज के शेयर शुक्रवार के बंद भाव 474.40 रुपये से लगभग 10 प्रतिशत गिरकर 427 रुपये के स्तर पर पहुंच गए, जहां उन्होंने अपना इंट्राडे लो स्तर छुआ। इस स्टॉक में पिछले कई महीनों से गिरावट देखी जा रही है। पिछले एक महीने में यह स्टॉक 20 प्रतिशत नीचे जा चुका है, जबकि 6 महीने की अवधि में इसमें 35 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। इसके अलावा, पिछले एक साल के दौरान इस शेयर में 15 प्रतिशत की कमी आई है। आरती इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 16 हजार करोड़ रुपये है।

ऐसा रहा तिमाही रिजल्ट

कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही के लिए टैक्स के बाद लाभ में 43 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है, जो 52 करोड़ रुपये रहा। हालांकि, ऑपरेशन से प्राप्त राजस्व पिछले वित्तीय वर्ष की समान तिमाही के 1,597 करोड़ रुपये के मुकाबले 12% बढ़कर 1,786 करोड़ रुपये हो गया है। आरती इंडस्ट्रीज का EBITDA 202 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्तीय वर्ष की समान तिमाही की तुलना में 13% और पूर्ववर्ती तिमाही की तुलना में 35% कम है। इसके बावजूद, कंपनी के नॉन-पावर बिजनेस की मात्रा में सालाना आधार पर 22% की वृद्धि हुई है।

डिमांड में कमी के कारण बढ़ा दबाव

जानकारी के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023 में रिकॉर्ड वृद्धि के बाद, एग्रोकेमिकल क्षेत्र में डिमांड में गिरावट के चलते इन्वेंट्री सुधार और मूल्य निर्धारण के दबाव जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना महामारी के दौरान फार्मा क्षेत्र ने महत्वपूर्ण मात्रा में वृद्धि देखी थी, जो अब वित्तीय वर्ष 24 से सामान्य हो गई है।

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