प्याज की आवक में वृद्धि, फिर भी खुदरा कीमतें ऊंची, उपभोक्ताओं को नहीं मिली राहत, जानें पूरी जानकारी

प्याज की आवक में वृद्धि, फिर भी खुदरा कीमतें ऊंची, उपभोक्ताओं को नहीं मिली राहत, जानें पूरी जानकारी
Last Updated: 1 दिन पहले

कुछ दिनों पहले, प्याज की थोक कीमत पिछले पांच वर्षों में सबसे ऊँचे स्तर पर ₹5400 प्रति क्विंटल पहुँच गई। यह कीमत महाराष्ट्र के नासिक जिले के लासलगांव में देखी गई।

प्याज ने आम जनता को लंबे समय से परेशान कर रखा है। उत्पादन वाले राज्यों से प्याज की आवक में सुधार के बावजूद, लोगों को इसे महंगे दामों पर खरीदना पड़ रहा है। वर्तमान में प्याज की खुदरा कीमत 60 रुपये से 80 रुपये प्रति किलो के बीच चल रही है।

दिल्ली के आजादपुर मंडी में राजस्थान के अलवर से प्याज की अच्छी मात्रा में आवक हुई है, जिसके चलते थोक कीमतों में थोड़ी नरमी आई है, लेकिन खुदरा कीमतें अब भी आसमान छू रही हैं। बीते सोमवार को आजादपुर मंडी में प्याज के खुदरा दामों में 10 से 15 रुपये की गिरावट दर्ज की गई।

थोक कीमतें घटी, लेकिन खुदरा दाम नहीं घटे

खबरों के अनुसार, आजादपुर मंडी में पिछले शनिवार को प्याज की थोक कीमत 40-60 रुपये प्रति क्विंटल रही, जबकि इसकी खुदरा कीमत 60-80 रुपये प्रति किलो के आस-पास बनी हुई है। जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को थोक कीमतें कम हो गईं, लेकिन खुदरा कीमतों में कोई कमी नहीं आई। जानकारी के अनुसार, दो-तीन दिन पहले आजादपुर मंडी में 34 हजार प्याज के बैग पहुंचे हैं। ध्यान देने योग्य है कि एक बैग में 50 किलोग्राम प्याज होते हैं।

तड़का-सलाद से गायब प्याज

प्याज की आसमान छूती कीमतों के कारण अब इसका असर घरों और रेस्टोरेंट में खाए जाने वाले सलाद पर भी नजर आ रहा है। प्याज अब थाली से धीरे-धीरे गायब होने लगा है। आम लोग प्याज की बढ़ती कीमतों से लगातार परेशान हैं। हाल ही में प्याज की थोक कीमतें पिछले पांच साल में सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचकर ₹5400 प्रति क्विंटल तक जा पहुंची हैं।

यह कीमत महाराष्ट्र के नासिक स्थित लासलगांव में देखी गई। इसके पीछे एक कारण यह भी है कि महाराष्ट्र में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण प्याज की फसल बर्बाद हो गई है, और अगली फसल अभी तक तैयार नहीं हो सकी है। इसका भी असर कीमतों पर स्पष्ट देखा जा रहा है। कारोबारियों का कहना है कि अलवर से और प्याज आने की उम्मीद है।

महाराष्ट्र से प्याज की आवक बंद होने के बाद, अलवर के किसानों ने समय से पहले ही अपने खेतों से प्याज की फसल को बाजार में उतार दिया। इसी कारण यहां के प्याज की साइज छोटी है। इसके साथ ही, लहसुन के दामों ने भी आम जनता को काफी परेशान कर रखा है। दिल्ली-एनसीआर में लहसुन की खुदरा कीमत 80 रुपये से लेकर 120 रुपये तक देखी जा रही है।

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