एक समय संघर्ष से जूझ रही अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड( Reliance Infra) ने शेयर बाजार में जबरदस्त वापसी की है । इस कंपनी के शेयर ने एक साल में 144 का रिटर्न देकर निवेशकों को मालामाल कर दिया है ।
बिजनेस: एक समय आर्थिक संकट से घिरी अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (Reliance Infra) ने अब शेयर बाजार में ऐसा धमाकेदार कमबैक किया है कि निवेशकों की किस्मत चमक गई है। जिन लोगों ने इस कंपनी के शेयरों पर भरोसा जताया था, आज वे खुद को भाग्यशाली मान रहे हैं। कंपनी के शेयर ने न सिर्फ पुराना भरोसा फिर से कायम किया है, बल्कि नए कीर्तिमान स्थापित कर शेयर बाजार में अपनी वापसी का शंखनाद कर दिया है।
शेयर ने बनाया नया रिकॉर्ड
रिलायंस इंफ्रा का शेयर पिछले एक साल में ₹155 से बढ़कर ₹380.50 पर आ गया। बुधवार को इसमें 11.27% तेजी आई और यह साल का सबसे ऊंचा ₹385.90 पर पहुंचा।
- 1 साल में रिटर्न 144
- 6 महीने में रिटर्न 28
- 3 महीने में रिटर्न 84
- 1 महीने में रिटर्न 51
- 1 हफ्ते में रिटर्न 23
कंपनी के मुनाफे में जबरदस्त उछाल
मार्च 2025 तिमाही में कंपनी ने ₹ 4,387 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जबकि पिछली तिमाही में इसे ₹ 3,298 करोड़ का घाटा हुआ था । यह रिवर्सल निवेशकों के आत्मविश्वास को दिखाता है। राइनमेटॉल एजी दुनिया की जानी- मानी डिफेंस कंपनियों में से एक है, जो युद्धक उपकरण, गोला- बारूद, और एडवांस टेक्नोलॉजी में विशेषज्ञता रखती है।
इस साझेदारी के तहत दोनों कंपनियां मिलकर भारत में डिफेंस प्रोडक्ट्स का निर्माण और सप्लाई करेंगी, जिससे' मेक इन इंडिया' अभियान को भी बल मिलेगा। इससे पहले रिलायंस डिफेंस ने फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन( Dassault Aviation) और थेल्स ग्रुप( Thales Group) के साथ भी करार किए हैं । ये दोनों कंपनियां राफेल जैसे फाइटर जेट और एडवांस डिफेंस टेक्नोलॉजी में विशेषज्ञ हैं ।
इस तरह की साझेदारियों से रिलायंस डिफेंस को न केवल तकनीकी लाभ मिलेगा, बल्कि भारत में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में रोजगार और निवेश के नए अवसर भी खुलेंगे । साथ ही, निवेशकों का भरोसा भी बढ़ेगा, जिसका असर शेयर की वैल्यू पर सकारात्मक रूप से दिख सकता है ।
डिफेंस सेक्टर में मजबूत एंट्री: 'मेक इन इंडिया' को मिलेगा बल
रिलायंस इंफ्रा की सहायक कंपनी रिलायंस डिफेंस अब रक्षा क्षेत्र में अपने कदम और भी मजबूती से जमा रही है। जर्मनी की अग्रणी रक्षा कंपनी राइनमेटॉल एजी (Rheinmetall AG) के साथ हुई साझेदारी भारत में रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देगी। यह साझेदारी विशेष रूप से युद्धक उपकरण, गोला-बारूद और उन्नत तकनीक के निर्माण पर केंद्रित होगी।
इसके अलावा, रिलायंस डिफेंस ने पहले ही फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन (Dassault Aviation) और थेल्स ग्रुप (Thales Group) के साथ करार कर रखे हैं। ये कंपनियां राफेल जेट और आधुनिक डिफेंस टेक्नोलॉजी की दिग्गज मानी जाती हैं। इन गठजोड़ों से रिलायंस डिफेंस को तकनीकी, रणनीतिक और वैश्विक स्तर पर बड़ी मजबूती मिलेगी।
आने वाले समय में बड़ा ऑर्डर मिलने की उम्मीद
₹10,000 करोड़ के डिफेंस ऑर्डर मिलने की संभावना के चलते निवेशक इस कंपनी के शेयर में ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। रिलायंस इंफ्रा का प्रदर्शन बताता है कि कैसे एक संकटग्रस्त कंपनी रणनीतिक बदलावों और तकनीकी प्रगति से जबरदस्त वापसी कर सकती है । अगर कंपनी की डिफेंस डील्स आगे बढ़ती हैं, तो शेयर में और उछाल की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।