दिवाली से पहले शेयर बाजार में आई इस बड़ी गिरावट के बाद कई प्रमुख स्टॉक्स अब अपनी उचित वैल्यूएशन पर पहुंच गए हैं, जिसके चलते एक्सपर्ट्स उन्हें खरीदने की सलाह दे रहे हैं। शुक्रवार को शेयर मार्केट में भारी गिरावट देखने को मिली, और मार्केट एक बार फिर सपोर्ट लेवल से नीचे चला गया। निफ्टी में 218 अंकों की कमी आई, जिससे यह 24,181 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स 663 अंक गिरकर 79,402 के स्तर पर बंद हुआ।
नई दिल्ली: दिवाली से पहले आई इस बड़ी गिरावट के चलते कई प्रमुख स्टॉक्स अब अपनी उचित वैल्यूएशन पर पहुंच गए हैं, और एक्सपर्ट्स इन्हें खरीदने की सलाह दे रहे हैं।
जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के अभिजीत बोरा ने बताया कि इस मार्केट करेक्शन का फायदा उठाकर स्टॉक्स खरीदने का यह एक अच्छा मौका है। उन्होंने कहा कि हमने अपनी दिवाली पिक्स जारी की हैं, जिसमें लगभग 10 स्टॉक्स शामिल हैं। ये स्टॉक्स लार्जकैप, मिडकैप, और स्मॉलकैप का एक मिश्रण हैं, जहां अब उचित मूल्यांकन देखा जा सकता है।
दिवाली स्टॉक
उन्होंने कहा कि हमने लार्जकैप स्पेस से शुरुआत की है, और हमें रिलायंस इंडस्ट्रीज पसंद है। इसके अलावा, हमें पावर ग्रिड और जिंदल स्टील भी आकर्षित करते हैं। लार्जकैप स्पेस में बजाज फाइनेंस को भी हम पसंद करते हैं।
इसके साथ ही, कुछ मिडकैप कंपनियों जैसे ग्रेविटा और अशोका बिल्डकॉन पर भी हमारी नजर है। इस प्रकार, यह लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप दोनों प्रकार के स्टॉक्स का एक मिश्रण है, जहां हम मूल्यांकन को उचित मानते हैं या जहां विकास में तेजी आने की संभावना है।
अर्निंग ग्रोथ
उन्होंने कहा कि विशेष रूप से निफ्टी 50 के लिए बाजार में इस साल निफ्टी 50 कंपनियों की अर्निंग ग्रोथ 7% से 8% के बीच रहने की उम्मीद है।
वित्तीय वर्ष FY25 की शुरुआत से ही मेटल, ऑयल और गैस जैसे खास सेक्टर में गिरावट देखी गई है, जिससे लगता है कि बाजार अब केवल एकल अंकों की वृद्धि की अपेक्षा कर रहा है। अंततः, रिटर्न अर्निंग ग्रोथ की उम्मीदों के अनुरूप होना चाहिए।
रिलायंस पर राय
अभिजीत बोरा ने बताया कि हमारे पास रिलायंस का लक्ष्य मूल्य 3500 रुपये है और हम इस स्टॉक पर 'बाय' रेटिंग रखते हैं। रिलायंस के कमजोर प्रदर्शन के पीछे दो मुख्य कारण हैं। सबसे पहले, जीआरएम में तेज गिरावट आई, जिसके कारण इसके O2C व्यवसाय में आय में कटौती हुई। आमतौर पर इस सेगमेंट में सालाना EBITDA लगभग 62,000 करोड़ रुपये होता है, लेकिन कम GRM के चलते इसमें 10,000-12,000 करोड़ रुपये की कमी आई है।
रिलायंस में दूसरा कारण यह है कि Q2 में रिटेल सेलिंग में कमी आई। इस तिमाही में केवल 1% की तिमाही-दर-तिमाही वृद्धि दर्ज की गई, जबकि मार्जिन स्थिर रहे। ये दोनों कारक FII की सेलिंग के साथ-साथ शेयर की कीमतों में गिरावट का कारण बने।