आज भारतीय शेयर बाजार में गिरावट आई है, सेंसेक्स और निफ्टी 1 फीसदी से ज्यादा नीचे हैं। इसका कारण HMPV वायरस बताया जा रहा है, जो सर्दी जैसे लक्षण देता है लेकिन बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक है।
Stock Market: सोमवार (6 जनवरी) को भारतीय शेयर बाजार में अचानक बड़ी गिरावट देखने को मिली, जिसके पीछे HMPV वायरस को प्रमुख कारण बताया जा रहा है। यह वायरस चीन में तेजी से फैल रहा था और अब भारत में भी इसका प्रवेश हो चुका है। बेंगलुरु में 8 महीने का बच्चा HMPV वायरस से संक्रमित पाया गया है, जबकि कर्नाटका में वायरस का दूसरा मामला भी सामने आया है। इन घटनाओं ने निवेशकों को चिंतित कर दिया और भारतीय शेयर बाजार एकदम से गिर गया। सेंसेक्स और निफ्टी में एक-एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है।
HMPV वायरस: क्या है और कितना खतरनाक है?
HMPV (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) एक श्वसन संबंधी वायरस है। इसके लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे होते हैं, लेकिन यह उससे कहीं ज्यादा घातक साबित हो सकता है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों को यह वायरस ज्यादा प्रभावित करता है, क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। HMPV से सांस संबंधी पुरानी बीमारियां और भी गंभीर रूप ले सकती हैं। हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि HMPV वायरस कोविड-19 जितना जानलेवा या घातक नहीं है, लेकिन कुछ व्यक्तियों में यह फेफड़ों के संक्रमण का कारण बन सकता है।
HMPV वायरस के कारण शेयर बाजार में गिरावट
विशेषज्ञों का मानना है कि HMPV वायरस ने निवेशकों की चिंता बढ़ाई है, क्योंकि वे कोविड-19 की यादों में खोए हुए हैं। कोविड-19 के दौरान हुए नुकसान के कारण अब निवेशक सतर्क हो गए हैं और आने वाले दिनों में शेयर बाजार पर HMPV वायरस का असर देखा जा सकता है। सोमवार को सेंसेक्स के टॉप-30 में से केवल 5 कंपनियां हरे निशान में दिखाई दीं, जबकि बाकी सभी कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई। टाटा स्टील और कोटक महिंद्रा में तीन-तीन प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई, और निफ्टी 50 भी करीब डेढ़ प्रतिशत गिरकर ट्रेड कर रहा था।
मिड और स्मॉल कैप शेयरों में भी भारी गिरावट
आज के ट्रेड में मिड कैप और स्मॉल कैप शेयरों में चार से पांच प्रतिशत तक की गिरावट देखने को मिली है। निवेशकों की चिंता बढ़ने के कारण इन शेयरों में भी भारी बिकवाली हो रही है, जिससे बाजार में और अधिक दबाव बन रहा है।
तीसरी तिमाही के नतीजों को लेकर चिंता
वित्त वर्ष 2024-25 की पहली दो तिमाही में कंपनियों के वित्तीय परिणाम खराब रहे थे, और अब निवेशकों की नजर तीसरी तिमाही के नतीजों पर है। तीसरी तिमाही के नतीजे इस सप्ताह से आना शुरू हो जाएंगे, और यदि इनमें भी खराब नतीजे आए तो बिकवाली और बढ़ सकती है। निवेशकों को उम्मीद है कि तीसरी तिमाही के नतीजे सकारात्मक हो, लेकिन आर्थिक अनिश्चितता के कारण डर बना हुआ है।
अन्य आर्थिक दबाव
इसके अलावा, क्रूड ऑयल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, और भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर हो रहा है। इन दोनों कारणों से भी निवेशकों की चिंता में इजाफा हुआ है। क्रूड की बढ़ती कीमतें और रुपया का कमजोर होना आर्थिक दबाव को बढ़ा रहे हैं, जो शेयर बाजार की स्थिति को और भी प्रभावित कर रहे हैं।