Stock Market Crash Reason: आखिर क्यों गिर रहा है शेयर बाजार? जानें इसके पीछे के 5 प्रमुख कारण

Stock Market Crash Reason: आखिर क्यों गिर रहा है शेयर बाजार? जानें इसके पीछे के 5 प्रमुख कारण
Last Updated: 13 नवंबर 2024

आज की स्थिति के अनुसार, निफ्टी (Nifty50) दोपहर 11:25 बजे 170 अंक की गिरावट के साथ 23,714 पर ट्रेड कर रहा है। वहीं, सेंसेक्स (Sensex) 452 अंक नीचे गिरकर 78,229 पर पहुँच गया है। निफ्टी बैंक और अन्य इंडेक्स में भी गिरावट देखने को मिली है। पिछले एक महीने में, निफ्टी इंडेक्स में 1,400 अंक यानी 5.60% की कमी आई है। वहीं, एक सप्ताह में 630 अंक या 2.60 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।

शेयर बाजार में हो रही लगातार गिरावट ने निवेशकों को चिंतित कर दिया है। पहले मिड और स्मॉल कैप के शेयरों में कमी देखी जा रही थी, लेकिन अब लार्ज कैप यानी हैवीवेट शेयरों में भी गिरावट शुरू हो गई है, जिससे बाजार की स्थिति अस्थिर नजर आ रही है। पिछले महीने से जारी इस गिरावट ने नए और पुराने दोनों प्रकार के निवेशकों में भय पैदा कर दिया है कि कहीं यह गिरावट और गंभीर न हो जाए। अधिकांश पोर्टफोलियो में पिछले 6 महीनों और एक साल के रिटर्न या तो खत्म हो चुके हैं या फिर बहुत कम हो गए हैं।

सबसे बड़ा सवाल यह है कि यह गिरावट कब तक जारी रहेगी? और आखिरकार, हर दिन बाजार में इतनी गिरावट क्यों आ रही है? आज की स्थिति की बात करें तो निफ्टी (Nifty50) दोपहर 11:25 बजे 170 अंक गिरकर 23,714 पर कारोबार कर रहा था, जबकि सेंसेक्स (Sensex) 452 अंक गिरकर 78,229 पर था। निफ्टी बैंक और अन्य इंडेक्स में भी गिरावट देखी गई है। पिछले एक महीने में निफ्टी इंडेक्स में 1,400 अंक या 5.60% की कमी आई है, जबकि एक सप्ताह में 630 अंक या 2.60% की गिरावट आई है। सेंसेक्स में भी 3,770 अंक या 4.60% की गिरावट आई है, और एक सप्ताह के भीतर 1,500 अंक या 2% की कमी आई है।

45 लाख करोड़ रुपये का नुकसान

27 सितंबर को बीएसई का मार्केट कैप 477 लाख करोड़ रुपये था, जो अब 13 अक्टूबर 2024 तक घटकर 432 लाख करोड़ रुपये पर पहुँच गया है। यानी इस अवधि के दौरान निवेशकों की वैल्यूएशन में 45 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है। सीधे शब्दों में कहें तो निवेशकों के 45 लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं।

शेयर बाजार में गिरावट के 5 प्रमुख कारण

शेयर बाजार में लगातार गिरावट के पीछे कुछ प्रमुख कारण सामने आए हैं, जिनसे बाजार में दबाव बना हुआ है। आइए जानते हैं वो 5 प्रमुख कारण:

बड़ी कंपनियों के खराब तिमाही नतीजे

रिलायंस, एशियन पेंट्स, इंडसइंड बैंक जैसी बड़ी कंपनियों के कमजोर नतीजों ने बाजार में असमंजस और निराशा फैलाई है, जिससे निवेशकों के विश्वास में कमी आई है।

अमेरिकी बॉन्ड की पैदावार में उछाल

अमेरिकी 10 वर्षीय बॉन्ड की पैदावार में बढ़ोतरी हुई है, जिससे डॉलर मजबूत हुआ है और इससे वैश्विक महंगाई बढ़ने का डर है, जो निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन गया है।

महंगाई का बढ़ता दबाव

अक्टूबर में खुदरा महंगाई 6.21% तक पहुंच गई है, जो आरबीआई के 6% के निर्धारित दायरे से अधिक है। महंगाई के इस स्तर पर पहुंचने से निवेशकों के मन में असमंजस है कि आने वाले समय में ब्याज दरें और बढ़ सकती हैं।

विदेशी निवेशकों की निकासी

विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से पिछले कुछ महीनों में भारी निकासी की है। सिर्फ पिछले महीने ही 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का पैसा भारतीय शेयर बाजार से बाहर निकला, और पिछले सप्ताह भी 20,000 करोड़ रुपये की निकासी देखी गई है।

ग्लोबल मार्केट की गिरावट

ग्लोबल बाजारों में भी गिरावट का असर देखा गया है, खासकर यूएस, यूरोप, जापान और चीन के शेयर बाजारों में। इस वैश्विक नकारात्मक माहौल ने भारतीय बाजार पर भी दबाव डाला है, जिससे बाजार में और गिरावट आई है।

कब संभलेगा शेयर बाजार?

शेयर बाजार में सुधार को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय बाजार में अब काफी सुधार हो चुका है। बाजार किसी भी समय अपने निचले स्तर को छू सकता है और तेजी की वापसी संभव है। वर्तमान में, शेयर बाजार अपने उच्च स्तर से काफी नीचे आ चुका है। उदाहरण के लिए, निफ्टी का 52 सप्ताह का उच्च स्तर 26,277.35 अंक से गिरकर 23,677.60 अंक पर पहुँच चुका है।

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