ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी से वैश्विक बाजारों में हलचल, 2008 जैसा संकट संभव। निवेशकों को सावधानी जरूरी, डिफेंसिव सेक्टर्स पर फोकस करें, FIIs कर रहे भारी बिकवाली।
Trump Tariffs: डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ्स लागू किए जाने के बाद वैश्विक बाजारों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि मौजूदा हालात 2008 के वित्तीय संकट और 2020 की महामारी जैसे हो सकते हैं। भारतीय शेयर बाजार में भी इसकी झलक मिली—एक दिन में 4% से ज्यादा गिरावट और फिर 1.5% की रिकवरी ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने मचाई हलचल
Foreign Institutional Investors (FIIs) ने केवल 5 ट्रेडिंग सेशन्स में 22,770 करोड़ रुपये की इक्विटी बाजार से निकाल ली है। वहीं, Domestic Institutional Investors (DIIs) ने 17,755 करोड़ रुपये की खरीदारी की है, जिससे कुछ संतुलन बना है।
किन सेक्टर्स पर सबसे ज्यादा खतरा
Nuvama Institutional Equities की रिपोर्ट के अनुसार, टैरिफ वार का सबसे ज्यादा असर cyclical sectors पर देखा जा रहा है जैसे—मेटल्स, रियल एस्टेट और इंडस्ट्रियल्स। इन सेक्टर्स में सबसे अधिक गिरावट की आशंका है।
निवेशक कहां करें फोकस
रिपोर्ट में FMCG, सीमेंट और टेलीकॉम जैसे सेक्टर्स को सुरक्षित बताया गया है क्योंकि ये डिफेंसिव माने जाते हैं और टैरिफ्स के प्रभाव को झेल सकते हैं। इसके अलावा, भारतीय कंपनियों की मजबूत बैलेंस शीट और RBI की संभावित सपोर्टिव नीति कुछ राहत प्रदान कर सकती है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी गिरावट
ट्रंप के टैरिफ एलान के 48 घंटे के भीतर S&P 500 और कच्चे तेल की कीमतों में करीब 10% की गिरावट देखी गई। वहीं US High-Yield Bonds में स्प्रेड्स 75–100 बेसिस पॉइंट तक बढ़ गए हैं। रिस्क एसेट्स में इस तरह की बिकवाली 2008 और 2020 के संकटों में ही देखी गई थी।
क्या यह 2008 जैसा संकट है?
Nuvama की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बार भी शुरुआत अमेरिका से हुई है, लेकिन हालात 2008 से अलग हैं। इस बार अमेरिका और अन्य देशों के बीच पॉलिसी कोऑर्डिनेशन की भारी कमी है। साथ ही, अमेरिकी ट्रेजरी और फेडरल रिजर्व के बीच भी मतभेद नजर आ रहे हैं।
निवेशकों के लिए रणनीति
- High-Risk सेक्टर्स से फिलहाल दूरी बनाए रखें
- डिफेंसिव सेक्टर्स जैसे FMCG व टेलीकॉम पर ध्यान दें
- रुपये की गिरावट को देखते हुए एक्सपोर्ट आधारित कंपनियों पर नजर रखें
- नई पॉलिसी घोषणाओं तक संयम बरतें