केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2025 से लागू हो सकती हैं। सैलरी संरचना में बदलाव होगा।
8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने हाल ही में 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दी है। इस निर्णय से केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में भारी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, साथ ही पेंशनभोगियों को भी इसका लाभ मिलेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, 8वें वेतन आयोग के तहत सैलरी और पेंशन में 15 से 30 फीसदी तक की वृद्धि हो सकती है। आइए जानते हैं कि 8वां वेतन लागू होने के बाद सैलरी संरचना में क्या बदलाव होंगे और कर्मचारियों को कब से बढ़ी हुई सैलरी मिलेगी।
8वें वेतन आयोग की सिफारिशें कब लागू होंगी?
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री, अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में बताया कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 2025 के अंत तक तैयार हो सकती हैं और इन सिफारिशों को 2026 की शुरुआत से लागू किया जा सकता है। अभी केंद्रीय कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के तहत सैलरी मिल रही है, जिसका कार्यकाल 1 जनवरी 2026 को समाप्त हो जाएगा।
केंद्रीय कर्मचारियों कब मिलेगी सैलरी?
विशेषज्ञों का मानना है कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी। इसका मतलब है कि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बढ़ी हुई सैलरी 1 जनवरी से मिलने लगेगी। यदि लागू करने में किसी कारणवश देरी होती है, तो सरकार एरियर के साथ बढ़ी हुई सैलरी का भुगतान कर सकती है, यानी 1 जनवरी से एरियर भी मिलेगा।
8वें वेतन आयोग के तहत सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव
7वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिसके कारण केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गई थी। 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.86 तक बढ़ने की संभावना है, जिससे न्यूनतम बेसिक वेतन 51,480 रुपये तक हो सकता है। इस हिसाब से अधिकांश विशेषज्ञों का अनुमान है कि केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम बेसिक वेतन 41,000 रुपये से लेकर 51,480 रुपये के बीच होगा।
क्या राज्य कर्मचारियों का वेतन भी बढ़ेगा?
राज्य सरकारें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को अपनाने के लिए बाध्य नहीं होतीं, लेकिन अधिकांश राज्य सरकारें केंद्रीय सिफारिशों को थोड़े बदलाव के साथ लागू करती हैं। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र और तमिलनाडु ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को अपनाया था, और अब 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ राज्य कर्मचारियों को भी कुछ बदलाव के साथ मिल सकता है।