16 मार्च यानी गुरुवार को रक्षा मंत्रालय ने 70,500 करोड़ रुपए के हथियारों की खरीद को मंजूरी दी है। भारत पिछले काफी समय से एग्रेसिव तरीके से हथियार खरीदकर जमा कर रहा है। इसकी ताकीद 4 दिन पहले 13 मार्च को आई SIPRI यानी स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट भी करती है। इसके मुताबिक भारत दुनिया में हथियारों का सबसे बड़ा खरीदार है।
न्यूज़ एजेंसी ANI और दैनिक भास्कर रिपोर्ट के मुताबिक हथियार खरीदने और बेचने में कौन-से देश टॉप पर हैं? हमारे पड़ोसी चीन और पाकिस्तान की क्या स्थिति है? भारत के हथियारों में रूस की हिस्सेदारी घटकर अमेरिका की हिस्सेदारी क्यों बढ़ गई? आइये जानते है
सबसे पहले SIPRI रिपोर्ट की बड़ी बातें जान लीजिए…
. 1993 से अब तक लगातार भारत हथियार खरीदने के मामले में टॉप पोजिशन पर है।
. 2018 से 2022 के बीच दुनिया भर में हथियारों की कुल खरीदारी में भारत की हिस्सेदारी 11% है।
. भारत के बाद हथियार खरीदने में दूसरे नंबर पर सऊदी अरब और तीसरे पर कतर हैं।
. दुनिया में कुल हथियारों के निर्यात में 40% हिस्सेदारी अमेरिका की है।
.अमेरिका ने 2018 से 2022 तक 41% हथियार मिडिल ईस्ट देशों को बेचे हैं।
. पिछले 5 साल में दुनिया में हथियारों की खरीद 5% घटी। वहीं, यूरोपीय देशों ने 47% ज्यादा हथियार खरीदे।
. बीते 5 सालों में अमेरिका को पीछे छोड़ फ्रांस भारत का दूसरा सबसे बड़ा हथियार विक्रेता देश बन गया है।
अब रूस से कम हथियार खरीद रहा है भारत
1993 में पहली बार भारत दुनिया में टॉप हथियारों का खरीदार बना था। भारत तब से अब तक इसी रैंक पर काबिज है। पिछले 5 साल में हथियारों की खरीद में आई गिरावट के बावजूद भारत 11% हथियारों की खरीद करता है।
2013 से 2017 के बीच भारत ने रूस से कुल विदेश से इंपोर्ट किए गए हथियारों का 64% हिस्सा खरीदा था। वहीं, 2018 से 2022 के बीच रूस से खरीदे जाने वाले हथियारों का ये डेटा घटकर 45% रह गया है।
दुनिया में अमेरिका सबसे ज्यादा हथियार बेचता है
हथियार बेचने वाले सबसे बड़े पांच देशों में पहले नंबर पर अमेरिका है। अमेरिका के बाद दूसरे पर रूस। फिर फ्रांस, चीन और जर्मनी का नंबर आता है। साल 2018 से 2022 तक दुनिया के टोटल आर्म्स एक्सपोर्ट में इन 5 देशों की हिस्सेदारी 76% है। जबकि अकेले अमेरिका ही कुल हथियारों के निर्यात में 40% की हिस्सेदारी रखता है।
पाकिस्तान और चीन भी जमा कर रहे हैं हथियार
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत के अलावा चीन और पाकिस्तान भी एग्रेसिव तरीके से हथियार खरीद रहे हैं। एशिया के इन देशों में हथियारों की बिक्री बढ़ने के एक वजह हाल के दिनों में तनाव का बढ़ना है।
2018 से 2022 में रूस का कुल आर्म्स एक्सपोर्ट पिछले 5 सालों के मुकाबले 37% घटा। हालांकि, इस दौरान चीन को 39% एक्सपोर्ट बढ़ा है। वहीं, पाकिस्तान ने इन 5 सालों में 14% ज्यादा हथियार खरीदे हैं।
2022 में कुल 29 देशों ने यूक्रेन को भेजे हथियार
2022 में जंग शुरू होने के बाद कुल 22 देशों ने यूक्रेन को हथियार सप्लाई किए हैं। इनमें अमेरिका टॉप पर है। यूक्रेन भेजे जाने वाले कुल हथियारों में से 35% हिस्सा अकेले अमेरिका का है। इस मामले में 16.9% हिस्सेदारी के साथ दूसरे नंबर पर पोलैंड आता है।