CBT बैठक में EPF की ब्याज दर 8.25% बरकरार रखी गई। पीएफ से जुड़े बीमा स्कीम में संशोधन को मंजूरी मिली। बैठक की अध्यक्षता श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने की।
New Rules: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है। ईपीएफ जमा पर मिलने वाले ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में भी ईपीएफओ के अंशदाताओं को 8.25 फीसदी ब्याज मिलता रहेगा।
शुक्रवार को केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में हुई सीबीटी की बैठक में ईपीएफ जमा पर 8.25% वार्षिक ब्याज दर जमा करने की सिफारिश की गई। अब केंद्र सरकार की अधिसूचना के बाद यह ब्याज दर अंशदाताओं के खातों में जमा की जाएगी।
पीएफ पर सबसे ज्यादा ब्याज
बैठक से पहले अटकलें लगाई जा रही थीं कि ब्याज दरों में कटौती हो सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पिछले साल भी पीएफ पर 8.25 फीसदी ब्याज मिला था। मौजूदा समय में अन्य बचत स्कीमों की तुलना में पीएफ पर सबसे अधिक ब्याज मिल रहा है। 2022 में सरकार ने पीएफ पर ब्याज दर को 8.5% से घटाकर 8.1% कर दिया था, लेकिन 2024 में इसे बढ़ाकर 8.25% कर दिया गया।
अन्य बचत योजनाओं से अधिक रिटर्न
वर्तमान में विभिन्न बचत योजनाओं की ब्याज दरें इस प्रकार हैं:
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF): 7.1%
पोस्ट ऑफिस 5 वर्षीय जमा: 7.5%
किसान विकास पत्र: 7.5%
तीन साल के टर्म डिपॉजिट: 7.1%
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम: 8.2%
सुकन्या समृद्धि योजना: 8.2%
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट: 7.7%
पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट: 4%
इन आंकड़ों के अनुसार, ईपीएफ पर मिल रहा 8.25% ब्याज अन्य सभी योजनाओं की तुलना में अधिक है।
ईडीएलआई स्कीम में बड़े संशोधन
सीबीटी की बैठक में कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा (EDLI) योजना में कई अहम बदलाव किए गए हैं।
एक साल की सेवा से पहले मृत्यु पर लाभ: यदि किसी ईपीएफ सदस्य की मृत्यु एक वर्ष की नियमित सेवा से पहले हो जाती है, तो नॉमिनी को 50,000 रुपये का जीवन बीमा मिलेगा। इससे करीब 5,000 परिवारों को फायदा होगा।
छह महीने के भीतर मृत्यु पर भी लाभ
अंतिम पीएफ योगदान के छह महीने के भीतर यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु होती है, तो भी उसे ईडीएलआई का लाभ मिलेगा, बशर्ते उसका नाम कंपनी के रोल से हटाया न गया हो। इस बदलाव से सालाना 14,000 से अधिक परिवारों को फायदा मिलेगा।
दो नौकरियों के बीच दो महीने का गैप स्वीकार्य
यदि किसी कर्मचारी की एक नौकरी से दूसरी नौकरी के बीच दो महीने का अंतर होता है, तो इसे नियमित नौकरी माना जाएगा। पहले इस स्थिति में न्यूनतम 2.5 लाख और अधिकतम 7 लाख रुपये का ईडीएलआई लाभ नहीं दिया जाता था, क्योंकि इससे एक वर्ष की निरंतर सेवा की शर्त पूरी नहीं होती थी। इस बदलाव से 1,000 परिवारों को हर साल लाभ मिलेगा।
इन संशोधनों के बाद हर साल करीब 20,000 परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
क्या है ईडीएलआई स्कीम?
कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा (EDLI) ईपीएफ से जुड़ी एक स्वचालित स्कीम है, जो ईपीएफ खाताधारकों को जीवन बीमा कवरेज प्रदान करती है। इसके तहत, ईपीएफ खाताधारक की मृत्यु होने पर नॉमिनी को बीमा राशि दी जाती है।
सरकार के इन फैसलों से ईपीएफ अंशदाताओं और उनके परिवारों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी और वे पहले से अधिक लाभ प्राप्त कर सकेंगे।