केंद्र सरकार ने जूट के MSP को बढ़ाकर 5,650 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। इससे 40 लाख किसान परिवारों और जूट उद्योग पर निर्भर लोगों को लाभ होगा।
MSP: केंद्र सरकार ने जूट किसानों को बड़ी राहत देने का ऐलान किया है। अब जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि की गई है, जिससे लाखों किसानों और जूट उद्योग पर निर्भर अन्य लोगों को लाभ होगा। इस फैसले के तहत जूट के MSP में 315 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है, जिससे किसानों को लाभ मिलेगा और जूट उद्योग को मजबूती मिलेगी।
जूट के MSP में कितनी हुई वृद्धि?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने 2025-26 के लिए कच्चे जूट के MSP को मंजूरी दी। अब कच्चे जूट (TD-3 grade) का MSP 5,650 रुपये प्रति क्विंटल होगा, जो पिछले मार्केटिंग सीजन 2024-25 के 5,335 रुपये प्रति क्विंटल से 315 रुपये अधिक है। सरकार के इस कदम से जूट किसानों को बेहतर मूल्य मिलेगा और उनके हितों की रक्षा होगी।
किसानों को मिलेगा अच्छा रिटर्न
सरकार ने बताया कि जूट के MSP में वृद्धि से किसानों को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत पर 66.8 प्रतिशत का रिटर्न मिलेगा। यह वृद्धि सरकार द्वारा निर्धारित सिद्धांत के अनुरूप है, जिसमें MSP को उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना तय करने का लक्ष्य रखा गया है। 2014-15 में कच्चे जूट का MSP केवल 2,400 रुपये था, लेकिन अब इसमें 3,250 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हो चुकी है, जो किसानों के लिए बड़ी राहत है।
जूट MSP वृद्धि से 40 लाख परिवारों को होगा फायदा
सरकार का कहना है कि जूट के MSP में वृद्धि से 40 लाख किसान परिवार और जूट उद्योग पर निर्भर लोग लाभान्वित होंगे। इस फैसले के बाद जूट मिलों और जूट कारोबार में लगभग 4 लाख श्रमिकों को रोजगार मिलेगा। पिछले साल सरकार ने 1.7 लाख किसानों से जूट की खरीद की थी, जिनमें से 82 फीसदी किसान पश्चिम बंगाल के थे, जबकि शेष 9 फीसदी किसान असम और बिहार के थे।
सरकार का वित्तीय योगदान
सरकार ने 2014-15 से 2024-25 के बीच जूट उत्पादक किसानों को 1,300 करोड़ रुपये MSP के तौर पर भुगतान किए हैं। वहीं, 2004-05 से 2013-14 तक इस राशि का आंकड़ा 441 करोड़ रुपये था। इस तरह, सरकार लगातार जूट किसानों की मदद कर रही है और उनके आर्थिक हितों की रक्षा करने की कोशिश कर रही है।