आरबीआई ने थर्ड पार्टी एप्स के जरिए प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPI) के लिए यूपीआई एक्सेस की मंजूरी दी। अब PPI होल्डर्स थर्ड पार्टी एप्स से यूपीआई पेमेंट भेज और प्राप्त कर सकेंगे, जिससे पेमेंट सिस्टम और सरल होगा।
RBI Decion on UPI: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की है कि अब थर्ड पार्टी एप्लिकेशन्स के माध्यम से प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPI) के लिए यूपीआई एक्सेस की अनुमति दी जाएगी। इससे PPI होल्डर्स अब थर्ड पार्टी UPI मोबाइल एप्स के जरिए यूपीआई पेमेंट भेजने और प्राप्त करने में सक्षम होंगे। इस कदम से पेमेंट सिस्टम को और भी सरल और सुविधाजनक बनाया जाएगा।
फिलहाल का UPI सिस्टम क्या है?
वर्तमान में, यूपीआई पेमेंट्स केवल बैंक खातों या उन बैंकों और थर्ड पार्टी एप्लिकेशन प्रोवाइडर्स द्वारा बनाए गए UPI एप्स के जरिए किए जा सकते हैं। हालांकि, अब तक PPI से संबंधित यूपीआई पेमेंट केवल PPI इश्यूअर द्वारा प्रदान किए गए मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से किए जा सकते थे।
नई व्यवस्था से क्या होगा बदलाव?
नई व्यवस्था के तहत, थर्ड पार्टी एप्लिकेशन्स का इस्तेमाल करके PPI होल्डर्स सीधे यूपीआई पेमेंट कर सकेंगे। इससे PPI धारक, जो पहले अपने संबंधित इश्यूअर के ऐप्स पर निर्भर रहते थे, अब अन्य यूपीआई एप्लिकेशन्स के जरिए भी पेमेंट कर पाएंगे। रिजर्व बैंक ने इस फैसले को 5 अप्रैल 2024 की अपनी नियामक पॉलिसी के तहत लिया है।
PPI क्या होता है और इसका इस्तेमाल कैसे होता है?
प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) एक वित्तीय उपकरण है जो यूजर्स को भविष्य में ट्रांजैक्शन्स के लिए कार्ड या डिजिटल वॉलेट में पैसे जोड़ने की अनुमति देता है। PPI का उपयोग सामान खरीदने, वित्तीय सेवाएं संचालित करने, और पैसे जमा करने के लिए किया जा सकता है। PPI इश्यूअर अपने ग्राहकों के PPI को UPI हैंडल से जोड़कर केवल पूर्ण KYC किए गए PPI धारकों को UPI पेमेंट की अनुमति देगा।
UPI पेमेंट का बढ़ता चलन
भारत में यूपीआई का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से नवंबर 2024 तक यूपीआई के माध्यम से 223 लाख करोड़ रुपये के 15,547 करोड़ ट्रांजेक्शन किए गए हैं। यह वृद्धि यूपीआई की बढ़ती लोकप्रियता और भारत में डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने का संकेत है।
क्या हैं इसके फायदे?
यह कदम भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल पेमेंट्स को और अधिक समावेशी और सुलभ बनाने की दिशा में उठाया गया है। थर्ड पार्टी एप्स को UPI एक्सेस मिलने से उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प मिलेंगे और पेमेंट ट्रांजैक्शन आसान होंगे। इसके अलावा, इससे डिजिटल वॉलेट्स और कार्ड्स के उपयोग को भी बढ़ावा मिलेगा।