ओडिशा की उप मुख्यमंत्री प्रवती परिदा ने जानकारी दी है कि राज्य सरकार की सुभद्रा योजना के अंतर्गत 20 लाख महिला लाभार्थियों को नवंबर के अंत तक पहली किश्त प्रदान की जा सकती है। तीसरे चरण में 5,000 रुपये की पहली किश्त इन महिला लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी। अब तक, योजना के दो चरणों में लगभग 60 लाख लाभार्थियों को 5,000 रुपये की राशि मिल चुकी है।
नई दिल्ली: ओडिशा की उप मुख्यमंत्री प्रवती परिदा ने जानकारी दी कि राज्य सरकार की सुभद्रा योजना के तहत 20 लाख महिला लाभार्थियों को नवंबर के अंत तक पहली किश्त मिल सकती है। तीसरे चरण में इन महिला लाभार्थियों के बैंक खातों में 5,000 रुपये की राशि ट्रांसफर की जाएगी। अब तक इस योजना के दो चरणों में लगभग 60 लाख महिलाओं को 5,000 रुपये की राशि मिल चुकी है।
सुंदरगढ़ में होगा तीसरे चरण का वितरण
परिदा ने बताया कि तीसरे चरण में लगभग 20 लाख महिला लाभार्थियों को 24 नवंबर को सुंदरगढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान 5,000 रुपये की राशि उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी। इस समारोह में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और जुएल ओराम भी मौजूद रहेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि अन्य पात्र लाभार्थियों को दिसंबर महीने में चौथे चरण के तहत धनराशि प्राप्त होगी।
सुभद्रा योजना का उद्देश्य
सुभद्रा योजना का प्रमुख लक्ष्य ओडिशा राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इस योजना के अंतर्गत हर महिला लाभार्थी को पांच वर्षों में कुल 50,000 रुपये प्राप्त होंगे। यह राशि दो किस्तों में वितरित की जाएगी, जिसमें हर वर्ष 10,000 रुपये की दो किश्तें प्रदान की जाएंगी।
अब तक की प्रगति
योजना के पहले चरण में लगभग 25 लाख महिलाओं को लाभ प्राप्त हुआ, जबकि दूसरे चरण में 9 अक्टूबर को 35 लाख महिला लाभार्थियों के बैंक खातों में राशि ट्रांसफर की गई। डिप्टी सीएम परिदा ने बताया कि 2.67 लाख महिलाओं के आवेदन विभिन्न कारणों से अस्वीकृत कर दिए गए हैं। हालांकि, राज्य सरकार ने पंचायत कार्यालयों को इन अस्वीकृत आवेदनों की सूची सार्वजनिक करने का निर्देश दिया है।
आगे का रोडमैप
परिदा ने बताया कि इस योजना के माध्यम से राज्य की लगभग एक करोड़ महिलाओं को लाभान्वित किया जाएगा। योजना का दायरा भविष्य में विस्तारित किया जाएगा, और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के परिवारों को भी शामिल किया जाएगा, जिनके परिवार में कोई सरकारी कर्मचारी नहीं है।
इस योजना के तहत, गरीब परिवारों की 21 से 60 साल तक की महिलाओं को हर साल 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के लिए राज्य सरकार ने 5,825 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है।