Shardiya Navratri 2024: इस बार खास है शारदीय नवरात्रि 2024, डोली पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा, जानें क्या है वजह?

Shardiya Navratri 2024: इस बार खास है शारदीय नवरात्रि 2024, डोली पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा, जानें क्या है वजह?
Last Updated: 06 सितंबर 2024

ज्योतिषियों के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि, जिसे घटस्थापना (Shardiya Navratri 2024) कहा जाता है, इस वर्ष दुर्लभ इंद्र योग का निर्माण कर रही है। यह योग 04 अक्टूबर को सुबह 04 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगा। इंद्र योग के दौरान जगत जननी मां दुर्गा की पूजा करने से व्रती को सभी प्रकार के सुख और समृद्धि की प्राप्ति होगी।

Shardiya Navratri: सनातन धर्म के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक, जगत जननी मां दुर्गा और उनके विभिन्न शक्ति रूपों की पूजा का विधान है। इसे शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri 2024) के नाम से जाना जाता है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की श्रद्धा पूर्वक आराधना की जाती है।

धार्मिक मान्यता है कि मां दुर्गा की उपासना करने से साधक के जीवन में उपस्थित सभी प्रकार के दुख और संकट समाप्त हो जाते हैं, और साथ ही मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इस वर्ष शारदीय नवरात्र 03 अक्टूबर से लेकर 11 अक्टूबर तक मनाए जाएंगे, जिसके बाद दशहरा का पर्व आता है। ज्योतिषियों का मानना है कि इस बार शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा विशेष वाहन पर सवार होकर आएंगी। आइए, हम मां दुर्गा के आगमन और जाने के वाहन के बारे में जानते हैं।

शारदीय नवरात्रि कैलेंडर 2024

यहां शारदीय नवरात्रि 2024 के दौरान हर दिन की पूजा की तारीखें और संबंधित देवी के नाम दिए गए हैं-

03 अक्टूबर 2024: मां शैलपुत्री की पूजा

04 अक्टूबर 2024: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

05 अक्टूबर 2024: मां चंद्रघंटा की पूजा

06 अक्टूबर 2024: मां कूष्मांडा की पूजा

07 अक्टूबर 2024: मां स्कंदमाता की पूजा

08 अक्टूबर 2024: मां कात्यायनी की पूजा

09 अक्टूबर 2024: मां कालरात्रि की पूजा

10 अक्टूबर 2024: मां सिद्धिदात्री की पूजा

11 अक्टूबर 2024: मां महागौरी की पूजा

12 अक्टूबर 2024: विजयदशमी (दशहरा)

इन दिनों के दौरान विशेष पूजा, व्रत और धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं, जो मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की आराधना करते हैं। यह अवधि भक्तों के लिए विशेष रूप से पावन और आध्यात्मिक होती है।

कब है शारदीय नवरात्रि?

शारदीय नवरात्रि 2024 के लिए महत्वपूर्ण तिथियाँ और मुहूर्त निम्नलिखित हैं:

नवरात्रि की शुरुआत- 03 अक्टूबर 2024

प्रतिपदा तिथि का समापन- 04 अक्टूबर 2024, देर रात 02:58 बजे

घटस्थापना मुहूर्त

समय- 03 अक्टूबर 2024

प्रारंभ- सुबह 06:15 बजे

समापन- सुबह 07:22 बजे

अभिजीत मुहूर्त

समय- 03 अक्टूबर 2024

प्रारंभ- सुबह 11:46 बजे

समापन- दोपहर 12:33 बजे

इन मुहूर्तों के दौरान घटस्थापना कर मां दुर्गा की पूजा करना शुभ माना जाता है। ये समय धार्मिक अनुष्ठान और पूजा के लिए विशेष रूप से उपयुक्त होते हैं, जिससे कि भक्तों की पूजा विधि सही ढंग से सम्पन्न हो सके।

मां दुर्गा का आगमन

शारदीय नवरात्रि 2024 के दौरान मां दुर्गा की आगमन के संदर्भ में एक पौराणिक श्लोक के अनुसार, मां दुर्गा इस बार डोली पर सवार होकर रही हैं। इस श्लोक में वर्णित है-

 शशि सूर्य गजरुढा शनिभौमै तुरंगमे।

गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता॥

गजेश जलदा देवी क्षत्रभंग तुरंगमे।

नौकायां कार्यसिद्धिस्यात् दोलायों मरणधु्रवम्॥

शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा गुरुवार और शुक्रवार के दिन डोली पर सवार होकर रही हैं। ज्योतिषियों के अनुसार, मां दुर्गा का डोली पर सवार होकर आना सुखद नहीं होता है। इसके प्रभाव से मानव जीवन में कुछ नकारात्मक परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे कि अराजकता या संकट। इस स्थिति से निपटने के लिए लोगों को सावधानी या सतर्क रहने की आवश्यकता है और किसी भी प्रकार की अराजकता से बचने की कोशिश करनी है।

जगत मां का प्रस्थान

शशि सूर्य के दिन यदि मां दुर्गा महिषासुर के संग प्रस्थान करें तो वह विजय का प्रतीक है, लेकिन यदि यह शनिवार को हो, तो यह दुख और शोक का कारण बनता है। शनि और भौम के दिन अगर मां दुर्गा चरणायुध के साथ जाएं, तो वह भी विकृति और संकट का संकेत है। बुध और शुक्र के दिन यदि मां दुर्गा गजवाहन पर प्रस्थान करें, तो यह शुभ वर्षा का प्रतीक है।

लेकिन जब सुरराजगुरु के दिन मां नरवाहन के साथ चलें, तो यह सुख और समृद्धि लाने वाला होता है। देवी पुराण में उल्लेखित इस श्लोक के अनुसार, शनिवार के दिन मां दुर्गा का चरणायुध लेकर जाना अच्छा नहीं माना जाता। ऐसा होने पर जीवन में नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे दुख और अशांति का सामना करना पड़ सकता है। संक्षेप में, मां दुर्गा का डोली पर आगमन और चरणायुध के साथ प्रस्थान करना, देश और दुनिया पर अशुभ प्रभाव डाल सकता है।

 

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