भारत को अक्सर उसकी बहुभाषी संस्कृति और भाषाई विविधता के लिए जाना जाता है, लेकिन यह एक और अद्वितीय पहचान भी रखता है: **भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा अंग्रेजी-भाषी देश** है। अमेरिका के बाद, जहां सबसे अधिक लोग अंग्रेजी बोलते हैं, भारत इस सूची में दूसरे स्थान पर आता है।
अंग्रेजी का महत्व भारत में:
अंग्रेजी भारत में एक महत्वपूर्ण भाषा है, खासकर शिक्षा, व्यापार, सरकार और न्यायपालिका में। हालांकि भारत की प्रमुख भाषा हिंदी है और देश में 22 आधिकारिक भाषाएं हैं, अंग्रेजी का उपयोग विभिन्न समुदायों और क्षेत्रों के बीच एक संपर्क भाषा के रूप में किया जाता है।
भारतीय संविधान ने अंग्रेजी को "सह-आधिकारिक भाषा" का दर्जा दिया है, जिससे यह भाषा न केवल प्रशासन में बल्कि शिक्षा और विज्ञान जैसे क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण बन गई है। स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा दी जाती है, और देश के लाखों छात्र और पेशेवर इस भाषा का उपयोग रोज़ाना करते हैं।
अंग्रेजी बोलने वालों की संख्या:
भारत में लगभग 13 करोड़ से अधिक लोग अंग्रेजी बोलते या समझते हैं, जो कुल जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा है। इनमें से कुछ लोग अंग्रेजी को दूसरी भाषा के रूप में उपयोग करते हैं, जबकि अन्य इसे तीसरी भाषा के रूप में सीखते हैं।
अंग्रेजी और भारतीय समाज:
भारत में अंग्रेजी ने सामाजिक और आर्थिक उन्नति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, विज्ञान, तकनीक, और वैश्विक संवाद में अंग्रेजी ने भारतीयों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं।
निष्कर्ष:
भारत की अंग्रेजी-भाषी आबादी देश के वैश्विक कद को और मजबूत करती है। चाहे वह शिक्षा हो, व्यापार, या अंतरराष्ट्रीय संवाद, अंग्रेजी ने भारत को दुनिया के साथ जोड़ने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे यह देश दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा अंग्रेजी-भाषी देश बन गया हैं।