Gaganyaan मिशन से पहले (जुलाई 2024) अंतरिक्ष में उड़ान भरेगी वुमन रोबोट ''व्योममित्रा'', 2025 में भेजा जायेगा गगनयान

Gaganyaan मिशन से पहले (जुलाई 2024) अंतरिक्ष में उड़ान भरेगी वुमन रोबोट ''व्योममित्रा'', 2025 में भेजा जायेगा गगनयान
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Last Updated: 11 फरवरी 2024

Gaganyaan मिशन से पहले (जुलाई 2024) अंतरिक्ष में उड़ान भरेगी वुमन रोबोट ''व्योममित्रा'', 2025 में भेजा जायेगा गगनयान 

गगनयान मिशन : वुमन रोबोट एस्ट्रोनॉट ह्यूमनॉइड व्योममित्रा, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के महत्वाकांक्षी Gaganyaan mission से पहले अंतरिक्ष में उड़ान भरेगी। subkuz.com को इसकी जानकारी दिल्ली में केंद्रीय विज्ञानं एवं प्रोधोगिकी राज्य मंत्री डॉ. जीतेन्द्र सिंह ने दी। ह्यूमनॉइड का अर्थ ऐसे रोबोट से है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) की हेल्प से मनुष्य जैसा बर्ताव कर सकता है।

ISRO (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन) के अध्यक्ष S. सोमनाथ ने कहा था कि 2024 ''गगनयान की तैयारियों'' का वर्ष होगा। अब डॉ. जीतेन्द्र सिंह ने बताया कि मानवरहित व्योममित्रा मिशन इसी वर्ष जुलाई 2024 के बाद निर्धारित किया गया है। जबकि 2025 में Gaganyaan को भेजा जायेगा।

आखिर कौन है एस्ट्रोनॉट ह्यूमनॉइड ''व्योममित्रा ''

मानवरहित "व्योममित्र" मिशन इस वर्ष की तीसरी तिमाही के लिए निर्धारित है, जबकि मानवयुक्त "गगनयान" मिशन अगले वर्ष लॉन्च करने के लिए निर्धारित है। व्योममित्रा संस्कृत के दो शब्दों व्योम और मित्र से मिलकर बना हैं जिसमें व्योम का अर्थ - अंतरिक्ष है। डॉ जीतेन्द्र सिंह ने बताया कि रोबोट व्योममित्रा मॉड्यूल के पैरामीटर्स की देखरेख करने, चेतावनी करने पर Life सपोर्ट ऑपरेशन्स कर सकती है। इसे खास तरह से डिजाइन किया गया है जिससे अंतरिक्ष के वातावरण में मानव कार्यों का अनुकरण (Emulation) कर सके।

कैसे काम करता है ह्यूमनॉइड

ह्यूमनॉइड एक तरह के रोबोट जैसा बनाया गया है, जो मनुष्यों की तरह चल-फिर सकता है। इंसानो के हाव-भाव भी समझ सकते हैं। तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) Programing के तहत सवालों के रिप्लाई भी दे सकता हैं। इनमें सेंसर और एक्च्युएटर भी लगे होते है जिनकी मदद से आस-पास के वातावरण को समझने, देखने, बोलने, और सुनने का काम करते हैं। ह्यूमनॉइड सेंसर्स की मदद से ही कैमरा, Speaker और माइक्रोफोन को कंट्रोल कर सकते हैं। एक्च्युटर की मदद से ह्यूमनॉइड Normal रोबोट की तुलना में विशेष तरह के एक्शन कर सकते हैं।

Gaganyaan मिशन: भारत का पहला मैन Space मिशन

उल्लेख किया गया कि, भारत की पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान ''Gaganyaan'' के लॉन्चिंग  से पहले , गगनयान की टेस्ट व्हीकल फ्लाइट-टीवीडी 1 पिछले साल 21 अक्टूबर को हुई थी। इसक उद्देश्य इमरजेंसी में क्रू एस्केप सिस्टम और पैराशूट सिस्टम योग्य बनाना था। लॉन्चिंग व्हीकल मानव रेटिंग पूरी हो गई है। जीतेन्द्र सिंह ने कहा,इसकी पूरी तैयारियां हो चुकी हैं।

Gaganyaan Project के तहत अंतरिक्ष यात्रियों के एक दाल को 400 km की कक्षा में भेजा जायेगा। फिर इन अंतरिक्ष यात्रियों को भारत के समुद्र में उतर कर सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाकर मानव अंतरिक्ष क्षमताओं का प्रदर्शन करने की परिकल्पना की गई।

तीन स्पेस कंपनियों ने निभाया अहम रोल

अंतरिक्ष में लोगों को घूमने के लिए दुनिया की तीन Space Company ने सफलता प्राप्त की है। इनमें सबसे पहली रिचर्ड ब्रैनसन की वर्जिन गैलेक्टिव कंपनी (Virgin Galactic Company), दूसरी जेफ़ बेजोस की कंपनी Blue Origin और एलन मस्क की Spacex Company है। इन तीनों कंपनियों के बाद चीन सहित दुनिया के अन्य देश भी इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं।

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