President Droupadi Murmu: राष्ट्रपति भवन के 'दरबार हॉल' और 'अशोक हॉल' के नाम में किया परिवर्तन, अब जाने जाएंगे इस नाम से, पढ़े पूरी खबर

President Droupadi Murmu: राष्ट्रपति भवन के 'दरबार हॉल' और 'अशोक हॉल' के नाम में किया परिवर्तन, अब जाने जाएंगे इस नाम से, पढ़े पूरी खबर
Last Updated: 27 जुलाई 2024

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को एक बड़ा निर्णय लेते हुए राष्ट्रपति भवन के दो महत्वपूर्ण हॉलों का नाम बदलने का आदेश दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दरबार हॉल का नाम बदलकर 'गणतंत्र मंडप' और अशोक हॉल का नाम 'अशोक मंडप' रख दिया है। राष्ट्रपति मुर्मू ने दोनों हॉल के नाम बदलने को लेकर एक बयान जारी किया हैं।

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार (25 जुलाई 2024) को बड़ा निर्णय लेते हुए राष्ट्रपति भवन के दो महत्वपूर्ण हॉलों का नाम बदल दिया। राष्ट्रपति मुर्मू ने 'दरबार हॉल' का नाम बदलकर 'गणतंत्र मंडप' और 'अशोक हॉल' के नाम में परिवर्तन करके 'अशोक मंडप' रखा है। बता दें राष्ट्रपति जी ने नाम परिवर्तन के संबंध में एक बयान जारी किया हैं।

राष्ट्रपति भवन की ओर लोगों को आकर्षित करने के लिए लिया ये फैसला

राष्ट्रपति सचिवालय की ओर से इस बारे में जानकारी देते हुए बताया गया है कि राष्ट्रपति भवन देश का प्रतीक है और हमें समृद्ध विरासत का संकेत देता है। बता दें प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं कि राष्ट्रपति भवन तक लोगों की पहुंच बढ़ाई जाए। इसके अलावा राष्ट्रपति भवन की पहचान को भारतीय संस्कृति के मूल्यों और भावनाओं के साथ जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इसी विचार के आधार पर राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल का नाम 'गणतंत्र मंडप' और अशोक हॉल का नाम 'अशोक मंडप' रखा गया हैं।

'लोकतंत्र में दरबार जैसा कोई शब्द नहीं हैं' - राष्ट्रपति सचिवालय

राष्ट्रपति भवन की ओर से कहां गया कि भारत अब एक गणतंत्र है। इसलिए 'दरबार' जैसा शब्द उपयोग में लाना उचित नहीं है। जानकारी के मुताबिक भारतीय समाज में गणतंत्र की अवधारणा प्राचीन है। इसलिए दरबार हॉल का नाम 'गणतंत्र मंडप' कर दिया गया है। वहीं अशोक हॉल का उपयोग बॉलरूम के रूप में होता आ रहा है। वहीं अशोक का शब्दिक अर्थ होता है- 'किसी भी प्रकार के शोक से मुक्त होना'।  इसलिए अशोक नाम में बदलाव न करके 'हॉल' की जगह 'मंडप' शब्द जोड़ा गया हैं।

सरकार ने इसको लेकर क्या कहां?

अशोक हॉल का नाम बदलने के फैसले पर सरकार ने कहां कि 'अशोक मंडप' नाम 'भाषा में एकरूपता लाता है और अंग्रेजीकरण के निशान को मिटाता है,' साथ ही 'अशोक' शब्द से जुड़े मूल्यों को भी बनाए रखता है। इसके अलावा बयान में कहां गया है कि “अशोक शब्द का अर्थ है, वह व्यक्ति जो 'सभी कष्टों से मुक्त' हो या 'किसी भी दुख से जुड़ा' न हो। इसके अतिरिक्त, 'अशोक' का संदर्भ सम्राट अशोक से है, जो एकता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का प्रतीक हैं। भारत गणराज्य का राष्ट्रीय प्रतीक सारनाथ में अशोक का सिंह शीर्ष है। यह शब्द अशोक वृक्ष को भी संदर्भित करता है, जिसका भारतीय धार्मिक परंपराओं के साथ-साथ कला और संस्कृति में भी गहरा संबंध होता हैं।

 

 

 

 

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